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Hypochondriasis के विषय पर मनोचिकित्सक डॉ नेहा शर्मा की टिप्स, जानें व शेयर करें

आज विश्व स्वास्थ्य दिवस है। दुनियाभर के डॉक्टर्स हेल्थी रहने के लिए टिप्स दे रहे हैं। मौजूदा हालात और हेल्थ के टॉपिक पर हल्द्वानी मुखानी स्थित मनोचिकित्सक डा. नेहा शर्मा ने भी टिप्स दी। उन्होंने ने कहा है कि इन दिनों लोग हाईपोकोडेसिस नामक बीमारी का भी शिकार हो रहे हैं।

इस बीमारी में आदमी को लगता है कि वह किसी न किसी बीमारी का शिकार है या होने वाला है। यह मन का वहम ही है। स्वस्थ मन से शरीर स्वस्थ रह सकता है। तनाव कभी भी किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने क​हा है कि इन दिनों को लोगों को वहम हो रहा है कि वे किसी न किसी बीमारी का शिकार है। हल्का जुखाम होने पर भी उन्हें कोरोना की आशंका होने लगी है। दरअसल यह एक मनोविकार है और इसी बीमारी को हाईपोकोडेसिस कहते हैं।

इस बीमारी में रोगी को किसी स्थायी बीमारी का वहम हो जाता है। यह सिर्फ एक वहम होता है जो न समझाने से मरीज का पीछा छोड़ता है और न ही जांच रिपोर्ट में बीमारी की पुष्टि होती है। डा. शर्मा के अनुसार इस मनोविकार के लिए मनुष्य के अवचेतन मन में किसी बड़ी बात का छिप कर बैठ जाना आवश्यक नहीं है।

वह मन में किसी गंभीर बीमारी के लक्षण स्वीकार कर लेता है। इसका मुख्य कारण भावनात्मक प्रौढ़ता का अभाव कहा जा सकता है। इस समस्या का समाधान समान्य इलाज में नहीं है। उसके मन में अटूट विश्वास पैदा हो जाता है कि वह अमुक बीमारी से ग्रसित हो गया है। ऐसे में उसकी समस्या का समाधान मनो चिकित्सक टॉक थैरेपी से करते हैं। जरूरत पड़ने रोगी को एंटी डिप्रेसिव दवाओं की आवश्यकता पड़ सकती है। उनका कहना है कि यह एक पूरी तरह से मनोवैज्ञानिक समस्या है। जिसे मनो चिकित्सक साइको थैरेपी से ही ठीक कर सकता है।

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