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लोकसभा चुनाव की तारीख का हुआ ऐलान, आचार संहिता लागू, गलती से भी नहीं करें ये काम

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग ने रविवार को बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव तिथियों की घोषणा करते हुए कहा कि सभी एजेंसियों से राय ली। चुनाव खर्चे पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इसके अलावा त्‍योहारों का ध्‍यान रखा गया। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव में 90 करोड़ लोग वोट डालेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हम चुनाव के लिए काफी पहले से ही तैयारी कर रहे थे। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनाव आयुक्त से बात की।

मुख्य चुनाव आयोग ने कहा कि  ईवीएम मशीनों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। आज से ही आचार संहिता लागू हो गई है। किसी भी तरह की नियम उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी। सभी उम्मीदवारों को अपनी संपति और शिक्षा का ब्यौरा देना होगा और फॉर्म 26 भरना होगा। उन्होंने कहा कि लाउड स्पीकर का इस्तेमाल रात 10 से सुबह छह तक बंद रखना होगा। हमारा फोकस ध्वनि प्रदूषण को कम करना है। सीआरपीएफ को बड़ी संख्या में तैनात किया जाएगा।

 

बता दें कि मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 3 जून को खत्म हो जाएगा। साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी पहली ऐसी पार्टी बनी थी जो तीन दशकों में पहली पूर्ण बहुमत पाई थी। बीजेपी को 282 सीटें मिली थीं। जबकि एनडीए को 336 सीटें मिली थीं।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार एक ऐप भी लांच होगा, जिसकी मदद से कोई भी मतदाता किसी भी नियम उल्लंघन को कैमरे में कैद कर सीधे हमें भेजा सकेगा। उन्होंने कहा कि इस बार समाधान वेब पोर्टल भी होगा, आम जनता इस पोर्टल के जरिये फीडबैक दे पाएगी. साथ ही सभी बूथ पर सीसीटीवी कैमरा होगा।

जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न हो।

  • राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें।
  • जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए।
  • जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके।

मतदान के दिन संबंधी नियम :

  • अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दें।
  •  मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो।
  •  मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए।
  • मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं। कैम्प साधारण होने चाहिए।
  •  मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट प्राप्त करें।

सत्ताधारी दल के लिए नियमः

  •  कार्यकलापों में शिकायत का मौका न दें।
  • मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार के कार्य न करें।
  •  इस काम में शासकीय मशीनरी तथा कर्मचारियों का इस्तेमाल न करें।
  •  सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो।
  •  हेलीपेड पर एकाधिकार न जताएं।
  •  विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं हो।
  • इन स्थानों का प्रयोग प्रचार कार्यालय के लिए नहीं होगा।
  •  सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिये उपलब्धियां नहीं गिनवाएंगे।

 

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