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हल्द्वानी में मरीजों को राहत, बेस और महिला अस्पताल में मिलेंगी सस्ती दवाइयां

हल्द्वानी: जिला नैनीताल के कुछ सरकारी अस्पताल हमेशा ही चर्चा में रहते हैं। हल्द्वानी के बेस हॉस्पिटल और महिला चिकित्सालय के बारे में बात करें, तो इन अस्पतालों पर हमेशा ही मरीजों का संख्या का खासा दबाव देखने को मिलता है। ज़्यादातर मरीज पहाड़ी क्षेत्रों से हल्द्वानी आ कर सरकारी में से इन्हीं अस्पतालों को चुनते हैं। लोगों का सरकारी चिकित्सालयों को प्राथमिकता देना इसलिये भी समझ आता है क्योंकि यहां प्राइवेट अस्पतालों की तरह लूट नहीं होती और तो और दवाइयां भी उचित मूल्यों में मिल जाती हैं।

मगर इन अस्पतालों में पिछले करीब एक साल से दवाइयां मिलना बंद हो गया था। जिसके कारण मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन अब जिला प्रशासन की ओर से मरीजों के लिये राहत भरी खबर आई है। बहुत जल्द ही बेस व महिला अस्पताल में दवाइयां मिलनी शुरू हो जाएंगी और वो भी सस्ते दामों पर। जिसके बाद लोग सरकारी चिकित्सालयों में आने से पहले झिझकेंगे नहीं और अपने परिजनों का कम खर्चे में सकुशल इलाज करवा पाएंगे।

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दरअसल जिले के करीबन सात सरकारी अस्पतालों के साथ साथ हल्द्वानी के बेस और महिला हॉस्पिटल में दवाइयों का सारा प्रबंध करने की ज़िम्मेदारी रेड क्रॉस सोसाइटी के पास थी। सभी चुने हुए अस्पतालों में रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा ही जन औषधी केंद्र संचालित किये जा रहे थे। लेकिन सोसाइटी में हुए कुछ अंदरूनी कलेशों के चलते पिछले एक साल से इन केंद्रों पर दवाइयां मिलना बंद हो गया था।

जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने एक अहम फैसला लेते हुए जिले के चार अस्पतालों के जन औषधी केंद्रों से रेड क्रॉस सोसाइटी का करार खत्म कर दिया था। इसी सब के चलते जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से औषधी केंद्रों को संचालित करवाने के लिये नए सिरे से टेंडर करवाए गए। जानकारी के अनुसार जो टेंडर करवाए गए थे, वे अब खुल गए हैं।

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सीएमओ डॉ. भागीरथी जोशी ने इसी संबंध में सारी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों फर्मों को जल्द से जल्द दवाइयां उपलब्ध कराने के आदेश दे दिये गए हैं। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने कहा कि नैनीताल और रामनगर के हॉस्पिटलों के टेंडर निरस्त हो गए हैं।

कोरोना के चलते ना जाने कितने ही लोग बेरोजगार हो गए, ऐसे में खास कर गरीब तबके के मरीजों के लिये यह एक बेहद महत्वपूर्ण खबर है। अब दूर दराज से आए मरीज कम दामों में दवाइयां खरीद कर इलाज करवा सकेंगे, जिससे उनकी जेब को खासा राहत मिलने की उम्मीद है।

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