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पुलवामा हमले के बाद कश्मीर के जांबाज आए सामने , 152 फौजी हुए कश्मीर से तैयार

नई दिल्लीः पुलवामा हमले के बाद से हर एक व्यक्ति आतंकवाद के खिलाफ खड़ा हो गया है। जहां एक तरफ कुछ लोग इस हमले के लिए जम्मू-कश्मीर को जिम्मेदार मान रहे है। तो वहीं कुछ लोंग जम्मू-कश्मीर के आम लोगों के साथ खड़े दिख रहे है। दरअसल पुलवामा हमले के बाद से हर एक कश्मीरी व्यक्ति को शक की निगाओ से देखा जा रहा है। पर शायद अपको पता नहीं कि जम्मू कश्मीर के युवाओं में भी देश भक्ति के साथ आतंकवाद के लिए एक सच्चे देशवाशी की तरह गुस्सा है। यही कारण है कि भारत की आर्मी भर्ती में कश्मीर को नवजवान कोने-कोने से पहुचे थे। राज्य के विभिन्न कोनों से ऐसे ही 152 फौलादी जवान जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री में राइफलमैन बनकर शामिल हुए हैं।

शनिवार को पासिंग आउट परेड में इन युवाओं का जोश देखते ही बनता था। पासिंग आउट परेड के दौरान सीने में जोश और कड़क आवाज के साथ सभी ने सेना के कमांडर और अभिभावकों की उपस्थिति के मौजूदगी में आतंकवाद को खत्म करने के लिए शपथ ली और कहा कि अगर मौका मिला तो वे आतंकवाद के खात्मे के लिए काम करेंगे।

बैंड की धुन के बीच रेजीमेंट के गीत बलिदानम वीर लक्ष्यणम गाते हुए इन जवानों के चेहरों पर सेना में शामिल होने का जोश साफ नजर आ रहा था। सेना की 15 कोर के जीओसी ले.जनरल केजेएस ढिल्लों सहित जवानों के छह सौ परिजन भी इन यादगार लम्हों के गवाह बने। वहीं, जवानों के अभिभावक भी अपने बेटों के सेना में शामिल होने पर काफी उत्साहित थे। उनका कहना था कि बच्चों को देश सेवा के लिए ही सेना में भेजा है। वर्दी में देख कर आज फक्र महसूस हो रहा है। पासिंग आउट परेड में ले. जनरल केजेएस ढिल्लों ने साहिल शर्मा को शेर-ए-कश्मीर स्वार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया। साहिल को सर्वश्रेष्ठ रंगरूट घोषित किया गया। इसी तरह फायरिंग में अव्वल रहने पर अमित सिंह को छिवांग रिनचेन मेडल दिया गया।

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