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मोदी सरकार ने खेला सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10% आरक्षण का दांव, क्या आपको मिलेगा लाभ !

नई दिल्ली: सभी राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए रणनीति तैयार करने शुरू कर दिया है। कोई मिलकर चुनाव लड़ने पर विचार कर रहा है तो कोई अकेले विरोधियों के दांत खट्टे करना चाहता है। इसी बीच सत्ता में बैठी केंद्र सरकार ने बड़ा दांव चला है। मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को पास किया गया। केंद्र सरकार आरक्षण के इस नए फॉर्म्युले को लागू करने के लिए आरक्षण का कोटा बढ़ाएगी। बता दें कि भारतीय संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सरकार के पास गेमचेंजर माने जा रहे मूव को अमलीजामा पहनाने के लिए संविधान संशोधन ही एकमात्र रास्ता है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो जिन लोगों की पारिवारिक आय 8 लाख रुपये सालाना से कम है उन्हें ही इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ ही इसके लिए शहर में 1000 स्क्वेयर फीट से छोटे मकान और 5 एकड़ से कम की कृषि भूमि की शर्त भी रखे जाने की खबरें हैं।

बता दें कि बीते दिनों एससी/एसटी ऐक्ट पर मोदी सरकार के फैसले के बाद सवर्ण जातियों में नाराजगी और हाल के विधानसभा चुनाव में तीन राज्‍यों में मिली हार के मद्देनजर इसे सवर्णों को अपने पाले में लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है। केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 10 फीसदी कोटे का प्रस्ताव तो पास कर दिया है, लेकिन इसे लागू करवाने की डगर अभी काफी मुश्किल है। सरकार को इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा। इसके लिए उसे संसद में अन्य दलों के समर्थन की भी जरूरत होगी। कैबिनेट से यह प्रस्ताव मंजूर होते ही कांग्रेस, एनसीपी और आम आदमी पार्टी ने इसका समर्थन किया है।

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