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बेटी बीमार है, मैं इलाज नहीं करा सकता, पीएम सर आप मेरी बेटी को बचा लो प्लीज

नई दिल्ली: एम्स में इलाज कराने के लिए आम आदमी सबसे पहले सोचता है लेकिन वहां कि व्यवस्था हर वक्त आम आदमी के लिए परेशानी का विषय बनी रहती है। गंभीर रूप से पीडित मरीजों को भी इलाज के लिए 2-3 साल की डेट दी जाती है जो सुनने में अजीब लगता है लेकिन होता सच है। फैजाबाद निवासी लाल बहादुर यादव के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। बेटी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है।  एम्स भी 2020 से पहले ऑपरेशन नहीं कर रहा। उसके रक्त में ऑक्सीजन न पहुंचने के कारण नीली पड़ती जा रही है और अब उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को बेटी के इलाज की गुहार लगाई है।

उन्होंने पीएम को लिखा है-पीएम सर, मेरी गुड़िया को नया जीवन दे दो। बेचारी जन्म के साथ ही बीमार है, उसे न उत्तर प्रदेश में इलाज मिला और न रायपुर में। न मुंबई के डॉक्टरों ने इलाज दिया और अब दिल्ली स्थित एम्स 2020 से पहले
ऑपरेशन ना करने की बात बोल रहे हैं। अपनी मासूम के आगे बेबस हूं, आप ही मदद करो।

मोदी सरकार ने इलाज के लिए आयुष्मान योजना शुरू की लेकिन इस पिता के पास आयुष्मान भारत का कार्ड नहीं है। एक साल से अपनी बिटिया को लेकर सरकारी अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं। बेटी अनन्या का जन्म 15 नवंबर, 2017 को हुआ और वो पल्मोनरी अट्रीश (मार्ग रोध) से ग्रस्त है। गर्भ में रहते हुए उसके दोनों हार्ट वॉल्व विकसित नहीं हो पाए। भारत में इस बीमारी के केस काफी कम सामने आते हैं। लाल बहादुर का कहना है कि उनकी वो इतने सक्षम नहीं है कि निजी अस्पताल में जाकर 10 से 15 लाख रुपये खर्च कर बेटी का ऑपरेशन करा सकें।

क्या है बीमारी
पल्मोनरी अट्रीश में दिल से फेफड़े के बीच रक्त पहुंचाने वाली धमनी सिकुड़ी होती है। इसके कारण रक्तसंचार की प्रक्रिया अवरोधित होती है और रक्त में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसके कारण शिशु की बाहरी त्वचा नीली पड़ने लगती है।

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