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चंद्रयान-2 हुआ लॉन्च, ISRO ने फिर रचा इतिहास, अब भारत की मुट्ठी में होगा चांद

नई दिल्लीः अंतरिक्ष की दुनिया में हिंदुस्तान ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी ISRO ने सोमवार दोपहर 2.43 मिनट पर सफलतापूर्वक चंद्रयान-2 को लॉन्च किया। चांद पर कदम रखने वाला ये हिंदुस्तान का दूसरा सबसे बड़ा मिशन है।

लॉन्चिंग के बाद धरती की अंडाकार कक्षा में स्थापित होने के बाद chandrayaan-2 को बार-बार छोटे-छोटे रॉकेट लॉन्च कर कक्षा को बढ़ाया जाएगा। यह प्रक्रिया 23 दिनों तक चलेगी।

जब दोपहर 2. 43 मिनट बजे चंद्रयान-2 लॉन्च हुआ तो पूरे देश की धड़कनें मानों थम सी गई थी, क्योंकि लॉन्चिंग के बाद का समय सबसे अहम माना जाता है। देश के लोग दिल थामकर 33 सेंकड तक बाहुबली को देखते रहे, जब तक वह बादलों के पार नही चला गया।


इस मिशन को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारी-भरकम रॉकेट जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क 3 (जीएसएलवी एमके 3) से लॉन्च किया जाएगा। जीएसएलवी को ‘बाहुबली’ के नाम से भी पुकारा जाता है। यह रॉकेट 44 मीटर लंबा और 640 टन वजनी है। इसमें 3.8 टन का चंद्रयान रखा गया है। ऐसी उम्मीद भी है कि इसरो के मानव मिशन गगनयान को इसी रॉकेट के अत्याधुनिक अवतार से भेजा जाएगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-2 को उतारेगा। बता दें चांद के इस भाग में अभी तक कोई देश नहीं उतर पाया है। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 चांद के भौगोलिक वातावरण, खनिजों, तत्वों, उसके वायुमंडल के बाहरी परत और पानी के बारे में जानकारी एकत्र करेगा।

स्वदेशी तकनीक से निर्मित चंद्रयान-2 में कुल 13 पेलोड हैं। आठ ऑर्बिटर में, तीन पेलोड लैंडर ‘विक्रम’ और दो पेलोड रोवर ‘प्रज्ञान’ में हैं। पांच पेलोड भारत के, तीन यूरोप, दो अमेरिका और एक बुल्गारिया के हैं।

चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान 22 जुलाई से लेकर 13 अगस्त तक पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाएगा, जिसके बाद 13 अगस्त से 19 अगस्त तक चांद की तरफ जाने वाली लंबी कक्षा में यात्रा करेगा। 19 अगस्त को ही यह चांद की कक्षा में पहुंचेगा। 13 दिन बाद (31 अगस्त) तक वह चांद के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। फिर 1 सितंबर को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चांद के दक्षिणी ध्रुव की तरफ यात्रा शुरू करेगा।

5 दिन की यात्रा के बाद 6 सितंबर को विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। लैंडिंग के करीब 4 घंटे बाद रोवर प्रज्ञान लैंडर से निकलकर चांद की सतह पर विभिन्न प्रयोग करने के लिए उतरेगा।

वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में टीवी पर चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग देखी। उन्होंने ट्वीट किया कि, अपने गौरवमय इतिहास में भारत ने कुछ शानदार पल और जोड़े। भारत के लिए यह गर्व का पल है।

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