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डरे नहीं, लॉक डाउन का असली मतलब जानें और शेयर करें

नई दिल्ली: कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में सुरक्षा के कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इस क्रम में राजस्थान, पंजाब और उत्तराखंड के बाद दिल्ली को भी लॉक डाउन कर दिया गया है। रविवार को पूरा देश पीएम नरेंद्र मोदी के आग्रह के बाद जनता CURFEW का पालन कर रहा है। देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने वाले लोगों को अभिवादन करने के लिए जनता ने 5 बजे शंख, थाली और ताली बजाई। लॉक डाउन को लेकर जनता काफी परेशान हो रही है और सोशल मीडिया पर अफवाह भी फैल रही है। हम आपकों इस पोस्ट में लॉक डाउन के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। इसमें आपकों पैनिक होने की जरूरत नहीं है। लॉक डाउन के रहते हुए भी जरूरी काम कर सकते हैं।

जिन राज्यों में लॉक डाउन घोषित किया गया है वहां आवश्यक सेवाओं पर नजर बनाए रखने के कोर ग्रुप का गठन किया गया है। लॉक डाउन एक तरह की तालाबंदी होती है। जिसमें आप अनावश्यक कार्य के लिए घर से बाहर नहीं निकल सकते है। लॉक डाउन एक एमरजेंसी व्यवस्था है जो किसी आपदा के वक्त सरकारी तौर पर लागू की जाती है। लॉक डाउन के वक्त लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है।

इस दौरान लोग सिर्फ मेडिकल या खाने पीने जैसी जरूरी चीजों के लिए ही बाहर जा सकते है।वहीं लेन देन के लिए आप बैंक से पैसा निकालने के लिए बाहर जा सकते हैं। इस दौरान पूरे शहर की परिवहन व्यवस्था को बंद कर दिया जाता है। इस लॉक डाउन में डॉक्टर, नर्स, पुलिस और मीडिया जैसी आवश्क सेवाओं को बंद से बाहर रखा गया है। अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी और निजी संस्थान इस दौरान बंद रहेंगे। बता दें कि कोरोना वारयस के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। भारत में 7 मौत हो गई हैं, वहीं 370 से ज्यादा लोगों को इसने अपनी चपेट में लिया है।

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