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पवित्र नगरी में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल ने ऊंचा किया मानवता का सिर

नई दिल्ली: चुनाव से पहले प्रत्येक राजनीतिक दल अपना वोट बैंक तैयार करते हैं। उसके लिए सबसे पहले वो धर्म के नाम राजनीति करते हैं। एक धर्म को दूसरे धर्म के साथ तुलना करते है। लेकिन बदलते भारत की तस्वीर धर्म नहीं भाईचारे के मजबूत नींव पर निर्भर करती है और इसका उदाहराण मंगलौर में एक पंडित ने दिया। मंदिर के पुजारी ने मुस्लिम भाइयों को मंदिर परिसर में नमाज पढ़वाकर भाईचारे की ऐसी मिसाल कायम की जिसने पूरे देश में एकता का पेगाम दिया।  राम-रहीम को एकसूत्र में पिरोने वाले इस वाकये में शामिल रहे क्षेत्र के मुस्लिम समुदाय के लोग पुजारी के व्यवहार की तारीफ करते थक नहीं रहे हैं।

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इस घटना की फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। नारसन क्षेत्र के लिब्बरहेड़ी गांव निवासी अय्यूब अंसारी ने बताया कि वे शनिवार को 10-15 लोगों के साथ एक ट्रक में बैठकर बुलंदशहर में आयोजित इज्तमा में शामिल होने जा रहे थे। जैसे ही दोपहर के समय वे जैनपुर गांव के समीप पहुंचे तो उनका ट्रक जाम में फंस गया। तबी दोपहर की नमाज का समय हो गया था। वो सड़क के पास स्थित एक शिव मंदिर के आसपास नमाज के लिए जगह तलाशने लगा। इसी दौरान मंदिर के पुजारी की नजर उन पर तो उन्हें शिव मंदिर के द्वार खोल दिए। उन्होंने इसके अलावा मुस्लिम भाइयो के लिए पानी की व्यवस्था भी कराई। इसके बाद इन लोगों ने मंदिर के परिसर में नमाज अदा की।

ग्रामीणों ने मुस्लिम भाइयों को खाने की चीजें और पानी भी दिया। अय्यूब अंसारी ने बताया कि उनके साथ दल में मंगलौर के सलमान और अमजद भी थे। अय्यूब कहते है कि जैनपुर के ग्रामीणों ने उनका दिल जीत लिया है। पुजारी समेत ग्रामीणों ने हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश की है। इज्तमा में जा रहे मुस्लिम भाइयों को खाना पानी देकर मानवता का सर ऊंचा किया है।

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