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कयासबाजी पर विराम, राहुल-चंद्रबाबू एक मंच पर आएंगे नजर

हैदराबाद। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी की तेलंगाना के मेडचल में होने वाली जनसभा में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) नेता व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के न आने से राजनैतिक निहितार्थ निकले जाने लगे थे। लेकिन अब इन पर बुधवार को विराम लग जायेगा। राहुल गांधी और चंद्रबाबू बुधवार 28 नवम्बर को एक मंच पर नजर आएंगे। दोनों नेता खम्मम विधानसभा क्षेत्र के खम्मम स्थित राजकीय डिग्री महाविद्यालय परिसर में महाकूटमी उम्मीदवार के पक्ष में जनसभा को संबोधित करेंगे।

विगत दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और चेयर पर्सन सोनिया गांधी ने मेडचल में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया था। उस वक्त राजनैतिक जानकार यह कयास लगाए रहे थे कि महाकूटमी में शामिल विभिन्न नेताओं के साथ आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू भी जनसभा में शिरकत करेंगे। जनसभा को संबोधित कर महाकूटमी की ताकत और समझौते के मुताबिक भविष्य में होने वाले जनहित के कार्यों को बताएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ था। चंद्रबाबू नायडू के इस जनसभा में न आने की घटना ने राजनैतिक विशेषज्ञों को संशय में डाल दिया था और कई तरह की अटकलों को बल मिलने लगा था। महाकूटमी में संभावित अनबन की बातें भी होने लगी थी। लेकिन बुधवार को खम्मम में होने वाली जनसभा में इन सभी कयासबाजियों पर विराम लग जायेगा। इस चुनाव में पहली बार महाकूटमी के दो बड़े नेता एक मंच पर दिखेंगे।

राहुल और नायडू तेलंगाना विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार के दौरान मंच साझा करेंगे। कांग्रेस और टीडीपी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर गैर-भाजपा दलों का गठबंधन बनाने के लिए एक साथ आने पर सहमत होने के बाद पहली बार दोनों दलों के शीर्ष नेता किसी चुनावी जनसभा में मंच साझा करेंगे। बावजूद इसके लोगों का मानना है कि चंद्रबाबू और राहुल गांधी का साथ आना कोई करिश्मा नहीं दिखा सकेगा।

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