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प्रधानमंत्री नरेंद्र का देश को किया संबोधित, इन बातों को पर दिया जोर

हल्द्वानी: धारा 370 और आर्टिकल 35A के हटाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर को विकास से रोकने वाली इन दो चीजों से पूरा देश निजात पाना चाहता था। अन्य राज्यों के लोग कश्मीर जाते तो थे लेकिन धारा 370 और आर्टिकल 35A उनके साथ भेदभाव करता था। देश के हर युवाओं को पढ़ने का अधिकार था लेकिन कश्मीर में शिक्षा को धारा 370 और आर्टिकल 35A हर वक्त रोकता रहा। पीएम मोदी ने कहा कि परिवाद के नेतृत्व ने जम्मू-कश्मीर के विकास का गला भी घोटा।

जो सपना सरदार पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो अब पूरा हुआ है। साथ ही उन्होंने कहा कि देश में लागू कई बड़े कानून जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं था जो यहां के लोगों के अधिकारों से वंचित करता था। इस लिस्ट में प्रधानमंत्री ने सफाई कर्मचारी एक्ट, दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून,अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए माइनॉरिटी एक्ट और श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए मिनीमम वेगेज एक्ट (Minimum Wages Act) का जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि धारा 370 और आर्टिकल 35A के कश्मीर भारत के अन्य बढ़े राज्यों की तरह उन्नति की ओर बढ़ेगा। वहां के युवा भी विज्ञानिक बनेंगे, वहां से युवा लीडर भारत को मिलेंगे। महिलाएं चार दिवारी से निकलकर देश के विकास में अपना योगदान देगी। सरकार की पूरी कोशिश रहेगी कि कश्मीर में रोजगार के अवसर प्रदान करें। कश्मीर के युवा इंटरनेट के माध्यम से पूरी दुनिया के टच में रहेंगे। जम्मू-कश्मीर में कॉलेज बनेंगे, एयरपोर्ट बनेगा और स्टेडियम बनेंगे।

हम हमेशा एक भारत की बात कहते है लेकिन धारा 370 और आर्टिकल 35A कश्मीर और लद्दाख के लोगों को अन्य भारतीय भाई बहनों से दूर रखा। समाजिक जीवन में कुछ बातें, समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि कई बार उन चीजों को स्थाई मान लिया जाता है। ये भाव आ जाता है कि, कुछ बदलेगा नहीं, ऐसे ही चलेगा। अपने भाषण में पीएम ने सभी जम्मू-कश्मीर समते पूरे देश को ईद की बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि अगर कश्मीरी अपने राज्य में ईद मनाने के लिए घर लौटना चाहते हैं तो सरकार पूरी तरह से उन्हें सहयोग करेगी।

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