National News

मशहूर शायर राहत इंदौरी का दिल का दौरा पड़ने से निधन, कोरोना संक्रमित भी थे

नई दिल्ली: मशहूर शायर राहत इंदौरी का दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार को निधन हो गया। गौरतलब है कि राहत इंदौरी मशहूर शायर हैं, साथ ही वह बॉलीवुड के लिए भी कई गाने लिखते आए हैं। राहत की उम्र 70 साल थी। वह कोरोना वायरस से भी संक्रमित थे, जिसके उपचार के लिए उन्हें मध्य प्रदेश के इंदौर में 10 अगस्त की देर रात अरविंदो अस्तपाल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन की खबर के सामने आने के बाद सैंकड़ों लोग उन्हे श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उन्हें कई प्रकार की दिक्कते इलाज के दौरान सामने आई, जिसमें पायलेटर निमोनिया, 70 प्रतिशत लंग खराब, कोविड पॉजिटिव, हाईपर टेशंन, डायबिटिक शामिल हैं।

सोशल मीडिया पर किया था पोस्ट

बता दें कि राहत इंदौरी के बेटे सतलज ने इस बात की जानकारी दी थी कि उन्हें कोरोना हो गया है। बाद में खुद भी राहत इंदौरी ने इस बारे में ट्वीट किया था।राहत इंदौरी ने खुद ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा, ‘कोविड के शुरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है।ऑरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं, दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं. एक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फ़ोन ना करें, मेरी ख़ैरियत ट्विटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी।’ कुमार विश्वास ने राहत इंदौरी को कोरोना होने की खबर सुनकर ट्वीट किया था कि कोरोना अबकी बार गलत आदमी से भिड़ गया है।

राहत इंदौरी का जीवन

1 जनवरी 1950। वह दिन रविवार का था, जब रिफअत उल्लाह साहब के घर राहत साहब की पैदाइश हुई। इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक, ये 1369 हिजरी थी और तारीख 12 रबी उल अव्वल थी। राहत साहब के वालिद रिफअत उल्लाह 1942 में सोनकछ देवास जिले से इंदौर आए थे। राहत साहब का बचपन का नाम कामिल था। बाद में इनका नाम बदलकर राहत उल्लाह कर दिया गया।

राहत साहब का बचपन मुफलिसी में गुजरा। वालिद ने इंदौर आने के बाद ऑटो चलाया। मिल में काम किया। लेकिन उन दिनों आर्थिक मंदी का दौर चल रहा था। 1939 से 1945 तक दूसरे विश्वयुद्ध का भारत पर भी असर पड़ा। मिलें बंद हो गईं या वहां छंटनी करनी पड़ी। राहत साहब के वालिद की नौकरी भी चली गई। हालात इतने खराब हो गए कि राहत साहब के परिवार को बेघर होना पड़ गया था।

राहत ने बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी से उर्दू में एमए किया था। भोज यूनिवर्सिटी ने उन्हें उर्दू साहित्य में पीएचडी से नवाजा था। राहत ने मुन्ना भाई एमबीबीएस, मीनाक्षी, खुद्दार, नाराज, मर्डर, मिशन कश्मीर, करीब, बेगम जान, घातक, इश्क, जानम, सर, आशियां और मैं तेरा आशिक जैसी फिल्मों में गीत लिखे।

To Top
Ad