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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा सहायक शिक्षक भर्ती मामला, शिक्षामित्रों हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा भर्ती मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। एसोसिएशन के वकील गौरव यादव ने से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसमें हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने या फिर उसे रद्द करने की मांग की गई है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में इस भर्ती परीक्षा के लिए जारी पासिंग मार्क्स के शासनादेश को हरी झंडी दी थी। इसके बाद तत्काल ही सरकार ने रिजल्ट जारी करने के निर्देश दे दिए। उम्मीद है कि 12 या 13 मई को रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा। इस आदेश के अनुसार भर्ती परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए 65 फीसदी, जबकि आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसदी पासिंग मार्क हैं।

आपको बता दे की इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 6 मई को अपना फैसला सुनाया था। आदेश के बाद प्रदेश में शिक्षामित्रों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया था। कोर्ट ने सरकार के कटऑफ बढ़ाने के फैसले सही ठहरा दिया जिससे बाद विवाद बढ़ गया था। कोर्ट ने आपने आदेश में भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने मे पूरा करने का आदेश दिया था।

साल 2019 की शुरुआत में शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई, करीब 4 लाख, 10 हज़ार अभ्यर्थी बैठे थे। परीक्षा हो जाने के बाद प्रदेश सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए 65 फीसदी और आरक्षित वर्ग में 60 फीसदी अंक तय कर दिए। ये कटऑफ लिस्ट ही विवाद की जड़ है। शिक्षामित्रों ने राज्य सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज किया, लेकिन हाईकोर्ट ने भी सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। बता दें कि शिक्षामित्र सामान्य वर्ग के लिए 45 फीसदी और आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसदी कटऑफ की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने कटऑफ बढ़ा दी है। अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है।

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