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जिस कोर्ट में दादा चौकीदार, पिता ड्राइवर, उसी कोर्ट में जज बना बेटा

नई दिल्लीः अपने सपनों को पूरा करने के लिए दृढ संकल्प और कठिन परिश्रम करना पड़ता है। अगर किसी ने कुछ करने की ठान ली है तो वो जरूर अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है। फिर चाहे रास्ते में कितनी ही रुकावटें आ जाएं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मध्यप्रदेश में 26 वर्षीय चेतन बजाड़ ने। उन्होंने सिविल जज वर्ग-दो की भर्ती परीक्षा में कामयाबी हासिल की है।

बता दें कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर स्थित परीक्षा इकाई ने बुधवार को चयन सूची जारी की थी। इस सूची में सिविल जज वर्ग-दो की भर्ती परीक्षा में चेतन ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में 13वां रैंक हासिल की है। उन्हें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में 450 अंकों में से कुल 257.5 अंक मिले हैं। 

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चेतन के पिता गोवर्धनलाल बजाड़ इंदौर की जिला अदालत में ड्राइवर हैं। वहीं दादा हरिराम बजाड़ इसी अदालत से चौकीदार थे। चेतन ने बताया कि मेरे पिता का हमेशा से सपना था कि उनके तीन बेटों में से एक बेटा जज बने। आखिरकार मैंने उनका सपना पूरा कर दिखाया।

चेतन ने सिविल जज वर्ग 2 की परीक्षा चौथे प्रयास में पास की है। चेतन का कहना है कि जज की कुर्सी पर बैठने के बाद मेरा प्रयास रहेगा कि अदालत में लोगों को जल्द से जल्द इंसाफ दिया जाए। चेतन की इस बड़ी सफलता से पूरा परिवार काफी खुश है। चेतन ने बताया कि पिताजी अक्सर कहा करते थे कि बेटा ऐसा काम करना जिससे तुम्हारे कारण मेरी पहचान हो। और अब बेटे ने जज बनकर पिता की बात को सच कर दिखाया।

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