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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा यूनिवर्सिटी एग्जाम रद्द कराने का मामला, युवा सेना ने दाखिल की याचिका

शिवसेना की युवा सेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर युनिवर्सिटी के फाइनल ईयर के एग्जाम को रद्द करने की मांग की है। महाराष्ट्र सरकार ने मंत्री आदित्य ठाकरे युवा सेना के अध्यक्ष हैं। युवा सेना ने ये याचिका यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के उस फैसले के खिलाफ दायर की है जिसमें UGC ने साफ तौर पर कहा है फाइनल ईयर के एग्जाम किसी हाल में रद्द नहीं किए जाएंगे। हालांकि अब इसके आयोजन का समय बदल दिया गया है।

UGC ने फाइनल ईयर एग्जाम लेने का फैसला किया है। जिसे लेकर लगातार महाराष्ट्र सरकार विरोध कर रही है। इसके पहले उद्धव ठाकरे ने फाइनल ईयर के एग्जाम को रद्द करने की बात कही थी, जिसे UGC ने नहीं माना था। इसे लेकर महाराष्ट्र गवर्नर और राज्य सरकार के बीच मे तनाव बरकरार है।

युवा सेना ने अपनी याचिका में देश में 10 लाख कोरोना मरीजो का आंकड़ा पार होने का हवाला देते हुए कहा है कि इस वक्त लोगों का स्वास्थ ज़्यादा ज़रूरी है। ऐसे में परीक्षा लेने के फैसले पर दोबारा सोचने की जरूरत है। युवा सेना ने कहा है कि वो विद्यार्थियों के साथ खड़े हुए हैं। गौरतलब है कि हाल ही में यूजीसी ने सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अपने अंतिम वर्ष की परीक्षा 30 सितंबर, 2020 तक आयोजित करने को कहा था। तब से छात्रों, शिक्षकों और राजनीतिक नेताओं से एमएचआरडी के आधिकारिक ट्विटर पर कई ट्वीट चल आए, परीक्षा शुरू होने के बाद सरकार से स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए अनुरोध किया गया।

डॉ रमेश पोखरियाल ने अब ट्विटर के जरिए कहा, हमारे लिए विद्यार्थियों का स्वास्थ्य, उनकी सुरक्षा, निष्पक्षता और समान अवसर के सिद्धांतो का पालन करना सर्वोपरि है। साथ ही, विश्व स्तर पर विद्यार्थियों की शैक्षणिक विश्वसनीयता, करियर के अवसरों और भविष्य की प्रगति को सुनिश्चित करना भी शिक्षा प्रणाली में बहुत मायने रखता है।

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