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क्या युवा तिकड़ी पहुंचाएगी कांग्रेस को सत्ता तक

नई दिल्ली : राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं पालने की अपनी छवि को चमकाते हुए लाइमलाइट में आई हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवानी की युवा तिकड़ी पहले मौके पर ही राजनीतिक अखाड़े में कूद पड़ी है , जिससे कई समीकरण बदल गए हैं । इससे कांग्रेस को कोई राजनीतिक बढ़त हासिल नहीं होगी, क्योंकि उसको इन युवा तुर्कों का समर्थन पहले ही हासिल हो चुका था।

अल्पेश जहाँ रधनपुर में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि जिग्नेश ने वडगाम से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा है। जिग्नेश को कांग्रेस का पूरा समर्थन है क्योंकि उसने वहां अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा किया है। हार्दिक चुनाव नहीं लड़ रहे लेकिन उन्होंने कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है ।

बीजेपी इस पॉइंट को भुनाने की कोशिश कर रही है कि दोनों ने शुरुआत में खुद को ऐसे नेता के रूप में पेश किया था, जो पर्सनल अजेंडा छोड़कर अपने समुदाय के हक की बात करते हैं। अब हार्दिक और अल्पेश दोनों चुनाव के मैदान में कूद पड़े हैं, इसलिए सत्ताधारी बीजेपी के लिए उनकी उस छवि पर हमला करना आसान हो गया है |

PAAS से बहुत ज्यादा करीबी दिखाने के चलते कांग्रेस कार्यकर्ताओं में असंतोष है और वे पाटीदार उम्मीदवारों के लिए काम करने को तैयार नहीं हैं। सूरत से सूत्रों ने बताया कि पाटीदार युवक PAAS के पसंदीदा उम्मीदवारों के लिए जमकर काम कर रहे हैं, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। इससे कांग्रेस के लिए जमीन पर काम करनेवाले कार्यकर्ताओं का उत्साह टूट रहा है |

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