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बेसिक को मजबूत करने के इरादे से शुरू होगा नरसिंह क्रिकेट एकेडमी का नया सत्र

हल्द्वानी: बदलते वक्त के साथ खेल के मायने बदल गए हैं। लोग समझने लगें है कि अगर पढ़ाई जरूरी है तो खेल भी जरूरी है। कुछ प्रतिभावान युवा केवल खेल के लिए बनें होते हैं, उसके लिए उन्हें केवल प्रोत्साहन और सही गाइडिंग की जरूरत होती है। क्रिकेट की बात करें तो ये खेल एक धर्म है जिसके लिए पूरे देश में आस्था की जाती है। हल्द्वानी भी इससे अछूता नहीं रहा है। शहर के बच्चों ने बड़े मंच पर शानदार प्रदर्शन किया है और बताया है कि हम किसी से कम नहीं है।

न्यू आईटीआई इंद्रप्रस्थ कॉलोनी फेस-1 पर स्थित नर क्रिकेट एकेडमी भी युवाओं के सपनों के अपने बनाने की कोशिशों में जुटी हुई है। इस साल के नए सत्र की शुरूआत 7 मई (सोमवार) से होने जा रही है, जिसके लिए कोचिंग स्टाफ तैयार हैं। नरसिंह क्रिकेट एकेडमी के दो युवा पिछले माह दिल्ली के विख्यात कोच संजय भारद्वाज से ट्रेनिंग लेने के लिए लाल बहादुर शास्त्री क्रिकेट एकेडमी गए है। ये वही एकेडमी है जहां से उन्मुक्त चंद, गौतम गंभीर , नितिश राणा, आर्यन जुयाल और मनजोत कालरा जैसे खिलाड़ियों ने ट्रेनिग ली।  वहीं नरसिंह के खिलाड़ियों का खेल सामने देखने वालों को भी प्रभावित करता आया है।

नए सत्र के शुरू होने से पहले कोच सुंदर सिंह कपकोटी ने बताया कि मूल मत्र अभी भी बेसिक ही रहेगा। उन्होंने कहा कि क्रिकेट में करियर बनाने के लिए युवाओं को छोटी उम्र से तैयारी शुरू करनी होती है। बेसिक को ध्यान में रखने वाली तैयारी हर वक्त अच्छा फल देती है। उन्होंने बताया कि पहले खिलाड़ी को अपनी कमजोरी और ताकत के बारे में पता होना जरूरी है। हमारी कोशिश यही है कि हम उन्हें ये बताने में कामयाब रहें। हम इधर-उधर की बातें कर उन्हें बेसिक से दूर नहीं कर सकतें हैं, इससे उनके गेम में फर्क पड़ सकता है।

दिव्यंम रावत( लाल बहादुर शास्त्री क्रिकेट एकेडमी में चयन हुए) के साथ नरसिंह क्रिकेट एकेडमी के कोच सुंदर सिंह कपकोटी

कोच कपकोटी के अनुसार राज्य को बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त नहीं है तो उनकी मेहनत दोगुनी हो जाती है। सही वक्त रहते उन्हें बाहर भी निकलना होता है ताकि वो दूसरी टीमों से खेल सकें। उन्होंने कहा कि इस कारण ही राज्य के प्रतिभा पूर्ण रूप से सामने नहीं आ पा रही हैं। राज्य के खिलाड़ी अपने आप को मिले हर मौके को भुना रहे हैं और उम्मीद है कि उनकी कामयाबी राज्य को मान्यता दिलाएगी, जो युवा पीढ़ी के लिए एक अपने राज्य में भविष्य बनाने का मौका होगा।

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