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हल्द्वानी-काठगोदाम के पास गंगापुर गांव,5 दशकों से नहीं पहुंची बिजली,TV और पंखें बन गए हैं खिलौने

हल्द्वानी: कुमाऊं के द्वार के नाम से विख्यात हल्द्वानी को स्मार्टसिटी की तरह विकसित करने की बात होती है। नई-नई योजनाओं को फ्लोर पर उतारने का ऐलान किया जाता है। अब तो नैनीताल जाने वाले सैलानी भी हल्द्वानी रुकना पसंद करते हैं लेकिन कुछ मामलों में हल्द्वानी कई छोटे शहरों से भी पीछे है। शहर में जाम की समस्या कैसे हल होगी ये सबसे बड़ा सवाल है। इसके अलावा बाजारों में अतिक्रमण से लेकर पानी की निकासी का मामला भी बस वर्षों से कागजों पर सिमटकर रह गया है।

इसके अलावा शहर के आउटर में कुछ ऐसे गांव भी हैं जो मूलभूत सुविधाओं से दूर हैं। आज हम आपकों गंगापुर गांव के बारे में बताएंगे जो 50 साल पहले बसाया गया था लेकिन आजतक यहां पर बिजली नहीं पहुंची। यह गांव वन विभाग की जमीन पर बसा है और भूमि विवाद के चलते अभी तक गांव में बिजली का पोल नहीं लग पाया। हालांकि गांव में सड़क और पानी कनेक्शन की पूरी सहूलियत है। बिजली ना होने से लोगों के घर में फ्रिज, कूलर, टीवी और पंखें खिलौने बनकर रह गए है।

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इस परेशानी को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बिजली ना होने से कई रिश्ते टूट गए हैं। ऐसा नहीं है कि लोगों को रहने में दिक्कत है लेकिन अगर मूलभूत सुविधाएं नहीं होंगी तो कैसे बाहर का व्यक्ति इस गांव का हिस्सा बनना चाहेगा। लड़कों की शादी करने में कई बार दिक्कत होने लगती है। अक्सर लोग लाइट नहीं होने की बात कहकर गंगापुर से रिश्ता जोड़ने में कतराते हैं। वहीं, गांव के कुछ युवा ऐसे भी हैं जो विवाह के बाद पत्नी संग हल्द्वानी में ही दूसरी जगह पर किराये पर रह रहे हैं। ग्रामीणों संग धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल की गई।

देहरादून जाकर भी ग्रामीणों ने अपनी परेशानी के बारे में अफसरों को अवगत कराया लेकिन वक्त बदला सरकारे बदली लेकिन गांव को रोशनी नहींमिली। इस बारे में वन विभाग के अफसर कहते हैं कि पट्टे की अवधि समाप्त हो चुकी है। इसका नवीनीकरण भी नहीं कराया। इन तमाम कागजी कार्यवाही के चक्कर में गंगापुर में आज तक बिजली नहीं पहुँच सकी।

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बता दें कि काठगोदाम से गौलापार जाने वाली सड़क पर आलीशान सर्किट हाउस पर वीवीआइपी ठहरते हैं। जानकारी के मुताबिक अस्सी परिवारों वाले गंगापुर गांव को 1970 के आसपास पूर्व सीएम एनडी तिवारी ने फारेस्ट लैंड पर बसाया था। पट्टे जारी होने पर लोग यहां पहुँच गए। गौला नदी से सटा यह इलाका हल्द्वानी वन प्रभाग की छकाता रेंज का हिस्सा है। वन विभाग के अड़ेंगे की वजह से यहाँ आज तक बिजली नहीं पहुंची।

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