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पिथौरागढ़ के कविंद्र ने फ्रांस में ऊंचा किया तिरंगा, देश को दिलाया बॉक्सिंग में सिल्वर मेडल

हल्द्वानी: पहाड़ों के बच्चे, यहां के युवा खेलों में हमेशा आगे ही पाए गए हैं। अनेकों खेल से जुड़ी प्रतियोगिताएं राज्य के विद्यालयों और महाविद्यालयों में हर साल आयोजित करवाई जाती हैं। जिसके कारण युवा काफी कुछ सीखते हैं। इसके अलावा पहाड़ों के बच्चे खेल कूद को बचपन से ही अपनी दिनचर्या का एक नियम बना कर रखते हैं। जिसकी वजह से उन्हें फिट रहने में भी खासा मदद मिलती है। यही कारण है कि यहां के युवा राष्ट्रीय और विश्व स्तर के खेल जगत में उत्तराखंड प्रदेश का नाम रौशन करने से नहीं चूकते।

एक बार फिर उत्तराखंड को ऐसी ही एक खबर ने विश्व पटल पर गौरवांवित महसूस करने का मौका दिया है। दरअसल उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का एक युवक संपूर्ण विश्व के सामने देश और राज्य का नाम ऊंचा कर के आया है। जिला पिथोरागढ़ में क्षेत्र रई के रहने वाले कविंद्र सिंह बिष्ट ने फ्रांस में आयोजित एलेक्सिस वेस्टाइन अंतरराष्ट्रीय बाक्सिंग टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। इस प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे कविंद्र ने रजत पदक को अपने नाम कर एक काबिले तारीफ सफलता को मुकाम दिया है। इस उपलब्धि से ना सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में भी खुशी का माहौल है।

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कविंद्र सिंह बिष्ट ने फ्रांस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बाक्सिंग प्रतियोगिता के 56 किग्रा भार वर्ग में प्रतिभाग किया था। 28 से 30 अक्टूबर के बीच होने वाले इस बड़े टूर्नामेंंट में कविंद्र ने भारत का प्रतिनिधित्व कर सफलता प्राप्त की। क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बाई मिलने के बाद सेमीफाइनल में कविंद्र का मुकाबला फ्रांस के मुक्केबाज से हुआ। इस मुकाबले में कविंद्र ने अपने प्रतिद्वंदी को 3-0 से हरा कर फाइनल में प्रवेश किया। फाइनल में कविंद्र और मेजबान फ्रांस के मुक्केबाज के बीच बेहद घमासान मुकाबला देखने को मिला। काफी कठिन मुकाबले में कविंद्र बिष्ट अपने सामने वाले प्रतिभागी के सामने डटे रहे। नतीजा भले 2-1 के रूप में कविंद्र के खिलाफ गया लेकिन वह देश के लिए रजत पदक जीतने में कामयाब ज़रूर रहे।

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कविंद्र के बारे में बात करें तो वे वर्तमान में एयरफोर्स में जॉब करते हैं। इससे पहले देहरादून स्थित डीएवी कॉलेज के छात्र भी रह चुके हैं। कविंद्र ने कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी निभाने के साथ साथ कई बहुमूल्य पदकों को भी अपने नाम किया है। कविंद्र ने बॉक्सिंग संबंधित सभी बारीकियां एशियाड मुक्केबाज कै.धरम चंद से सीखी हैं। इससे पहले भी वे कई अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर उत्तराखंड और सीमांत जिलों को गौरवांवित कर चुके हैं। कविंद्र की इस बड़ी उपलब्धि पर प्रशासनिक अधिकारियों, खेल प्रेमियों, राजनीतिक दलों समेत तमाम संगठनों ने भी खुशी जताते हुए उन्हें भविष्य के लिये शुभकामनाएं दी हैं।

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