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हल्द्वानी: 17 नवंबर से शुरू होगी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई, SOP पर फिर पूछे PSA ने सवाल

हल्द्वानी: शहर के सरकारी स्कूलों के खुलने के बाद से ही सभी प्राइवेट स्कूलों के संचालकों पर स्कूलों को खोलने का दबाव था। प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों ने कम तैयारियों और एसओपी के अव्यवहारिक प्वाइंटों के मद्देनज़र स्कूलों को फिलहाल के लिये बंद रखने का ही फैसला लिया था। लेकिन अब शहर के निजी स्कूल भी खुलने को तैयार हैं। अधिकांश स्कूलों ने 17 नवंबर से स्कूलों को खोले जाने के प्रस्ताव पर हामी भरी है।

पब्लिक स्कूल एसोसिएशन हल्द्वानी ने सभी विद्यालयों के संचालकों से बातचीत करने के बाद इस मामले पर जानकारी दी है। पीएसए के मुताबिक शहर के ज़्यादातर स्कूल दीपावली के बाद से स्कूलों को खोलने पर राज़ी हो गए हैं। लेकिन अभी भी कुछ मुद्दे हैं जिन पर पीएसए सरकार से स्पष्टीकरण चाहता है।

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पीएसए हल्द्वानी के अध्यक्ष कैलाश भगत ने स्कूलों से हुई वार्ता का हवाला देते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि अधिकतर स्कूल 17 नवंबर से पढ़ाई शुरू कराने को ले कर तैयार हैं। जानकारी के अनुसार अभी केवल 10वीं और 12वीं की कक्षाओं को स्कूल बुलाने की अनुमति है। कैलाश भगत ने बताया कि अगर किसी स्कूल में सरकार द्वारा दी गई एसओपी के मुताबिक तैयारियां नहीं हो पाई हैं तो वे निर्धारित तिथि के बाद भी कभी भी स्कूल खोल सकते हैं। इसके अलावा बच्चों को घर से स्कूल और स्कूल से घर लाने ले जाने का काम फिलहाल तो स्कूली बसें नहीं करेंगी।

अध्यक्ष कैलाश भगत ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों के संचालक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में किसी भी स्तर पर कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते, इसीलिये स्कूलों को एसोपी के नियमों के तहत खोलने के लिये कुछ समय मांगा गया था। सरकार से सवाल दागते हुए कैलाश भगत ने कहा कि सरकार को जल्द तय करना होगा कि स्कूलों के खुलने के बाद विद्यार्थियों को वार्षिक फीस देनी होगी या नहीं। इसके अलावा उन्होने कहा कि ऑनलाइन या ऑफलाइन में से एक ही मोड में पढ़ाई कराने को ले कर जो बिंदु सरकार के सामने पीएसए ने रखे थे, उसका भी जवाब अभी तक शासन ने नहीं दिया है।

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पीएसए ने अभिभावकों से फीस हेतु अपील भी की। जिसमें उन्होने कहा कि पढ़ाई शुरू होने के बाद स्कूलों के संचालकों को मेंटेनेंस खर्च और ट्यूशन फीस के रूप में तरह तरह के खर्चों की ज़रूरत होगी। ऐसे में अभिभावकों को फीस देने के मामले में स्कूल की मदद करनी चाहिए।

इसके अलावा पीएसए ने अन्य कक्षाओं के बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार से एक और मांग की है। दरअसल अभी सरकारी या प्राइवेट स्कूलों में केवल 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को पढ़ाई की अनुमति मिली है। लेकिन पीएसए चाहता है कि सरकार बाकी कक्षाओं की पढ़ाई के बारे में भी स्थिति स्पष्ट करे और इस मामले में जल्द ही कोई फैसला लिया जाए।

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