Uttarakhand News

रिटायर्ड फौजी ने शुरू किया ICECREAM का काम,बदल दी गांव के युवाओं की जिंदगी

कोरोना काल के नुकसान से उभरने के लिए पूरे देश में आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया जा रहा है। खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां लॉकडाउन के बाद लोगों की नौकरी चले गई और वह बेरोजगार हो गए। इस लिस्ट में पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी शामिल हैं। उत्तराखंड में स्वरोजगार पर जोर दिया जा रहा है। सरकार द्वारा कुछ योजनाओं धरातल पर उतारी गई हैं और सैंकड़ों लोगों का सपना भी साकार हुआ है। वहीं उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में लोगों ने फल सब्जियां उगाकर, बिच्छू घास की चाय, लिंगुडे़ का अचार जैसे न‌ए-न‌ए उत्पाद बनाक स्वरोजगार करना शुरू किया है। इससे वह कई लोगों को रोजगार के मौके भी दे रहे हैं। आज हम आपकों तिलक पंत और उनके भाई ललित मोहन पंत के बारे में बताएंगे जिन्होंने पहाड़ी क्षेत्र में उस काम को शुरू किया जिसके बारे में काफी कम लोग सोचते हैं। दोनों भाइयों ने आईसक्रीम उद्योग खोला। दोनों ही भाइयों ने अपने कर्म से  पिथौरागढ़ जिले के सैकड़ों लोगों के स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया है। उनकी आईस्क्रीम केवल पिथौरागढ़ में नबीं बल्कि उत्तराखंड के कई जिलों में आईस्क्रीम सेलर्स (नाविक) के नाम से बिक रही है।

This image has an empty alt attribute; its file name is himalaya-school-haldwani.jpeg

 पिथौरागढ़ जिले के मूनाकोट ब्लॉक के जाखपंत गांव निवासी तिलक पंत और ललित मोहन पंत ने घुपौड़ में आईस्क्रीम उद्योग शुरू किया है। भारतीय नौसेना में इंजन मैकेनिक के पद से रिटायर होने के बाद तिलक पंत ने दिल्ली से रिटेल मैनेजमेंट का कोर्स किया। तिलक की मानें तो ड्यूटी के आखिरी दिन उन्हें स्वरोजगार की प्रेरणा मिली। उनकी विदाई में अधिकारियों ने “सेना की पावर अब आपके पास नहीं देश को मजबूत बनाने के लिए व्यापार शुरु करें” का संदेश दिया गया था। इसके बाद तिलक घर लौटे और अपने भाई के साथ मिलकर स्वरोजगार शुरू किया।

This image has an empty alt attribute; its file name is HALDWANILIVE-scaled.jpg

इसकी शुरुआत उन्होंने अपने घर पर रबड़ी कुल्फी बनाने के काम से की। उद्योग विभाग के सौजन्य से कुल्फी की मांग धीरे-धीरे बढ़ती गई। पहले काम में बढोतरी होने लगी तो उन्होंने आईस्क्रीम उद्योग शुरू करने का प्लान किया और उसनें जुट गए। दोनों भाइयों ने घर पर ही कई प्रकार की आइस्क्रीम को बनाई। दोनों की मेहनत रंग लाई और धीरे-धीरे आईस्क्रीम का स्वाद लोगों को भाने लगा और डिमांड दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई। फिर दोनों भाइयों ने आईस्क्रीम उद्योग खोलने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने आधुनिक मशीनों से आइस्क्रीम बनाने के लिए अहमदाबाद से ऑटोमेटिक कप एंड कोन फिटिंग मशीन मंगाई। दोनों भाइयों ने क्षेत्र के करीब 12-15 युवाओं को रोजगार भी दिया है।

To Top