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निजी स्कूलों के खिलाफ अनशन पर बैठे पार्षद रोहित को पुलिस ने उठाया, बोले ये तो तानाशाही है

निजी स्कूलों के खिलाफ अनशन पर बैठे पार्षद रोहित को पुलिस ने उठाया, बोले ये तो तानाशाही है

हल्द्वानी: बुद्ध पार्क में पिछले 37 से दिनों से निजी स्कूलों की मनमानी और फीस माफी को लेकर आंदोलन कर रहे स्थानीय पार्षद रोहित कुमार ने कुछ दिन पहले आमरण अनशन शुरू किया था। गुरुवार को अनशन का तीसरा दिन था। उन्हें अन्य पार्षदों का भी समर्थन मिला। लेकिन आज पुलिस ने पार्षदों और समर्थकों को बलपूर्वक उठाने की कोशिश की तो जमकर हंगामा और विवाद हुआ। अनशनकारी पार्षद रोहित कुमार को जबरन उठाकर बेस अस्पताल भर्ती करा दिया गया। इसके बाद पार्षद धर्मवीर डेविड द्वारा अनशन शुरू किए जाने के बाद आंदोलन फिर से शुरू हो गया।

  

बता दें कि बीते दो दिन से धरने के संयोजक रोहित कुमार ने अनशन शुरू किया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सभी प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले सभी बच्चों की फीस माफ की जानी चाहिए। गुरुवार को भी अनशन चल रहा था। इसी दौरान दोपहर भोटियापड़ाव चौकी की पुलिस चौकी प्रभारी पीएस नगरकोटी की अगुवाई में धरनास्थल आ पहुंची। पुलिसकर्मियों ने रोहित कुमार को उठाने की कोशिश की गई। इस दौरान उन्होंने अन्य आंदोलन कारियों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। धरने पर बैठी महिलाओं, पुरुषों और पार्षदों ने इसका विरोध किया। देखते ही देखते मामला बढऩे लगा और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। पार्षद रोहित को जब ले जा रहा था तो एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ये पुलिस की तानाशाही चल रही है। करीब एक घंटे तक बुद्ध पार्क में हंगामा हुआ।

अनशन पर बैठे समर्थकों ने आरोप लगाया कि धरनास्थल पहुंचे पुलिसकर्मियों ने वहां मौजूद महिलाओं के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया। इस मौके पर रईस अहमद, नरेंद्रजीत सिंह, रूमी वारसी, मुकुल बल्यूटिया, राजेंद्र जीना, ध्रुव कश्यप, हृदेश कुमार, जाकिर हुसैन, महेश चंद्र, तौफीक अहमद, हेमंत शर्मा, मनोज जोशी, जीत सिंह आदि मौजूद रहे। बता दें कि शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम द्वारा जून में जारी इस आदेश में कहा गया कि ट्यूशन फीस भी केवल वही स्कूल ले सकते हैं जो लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाएं चलाते रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात ये है कि स्कूल ना सिर्फ ट्यूशन फीस ले रहे हैं बल्कि अन्य तरह के शुल्क भी ले रहे हैं। ना देने पर बच्चों के माता-पिता को फोन और मैसेज कर परेशान किया जा रहा है। इसकी लगातार शिकायतें मिल रही हैं।

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