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सियाचिन में तैनात उत्तराखण्ड का बेटा शिवराज सिंह बोरा शहीद, तिरंगे में लिपटकर पहुंचा देवभूमि

हल्द्वानी:भारत को सर्वाधिक सैन्य बल देने वाले राज्य का  गौरव तो उत्तराखण्ड को  प्राप्त है ही पर इस गौरव को अपने खून से सींचते हैं  भारत की सेवा करते हुए शहादत  प्राप्त  करने वाले वीर सैनिक। शहादत के इसी क्रम में कल  उत्तराखण्ड ,सोमेश्र्वर तहसील के मल्लारतोली निवासी और मेहर रेजीमेंट  के एक वीर सैनिक  ने अपना नाम भी  उत्तराखण्ड के अमर सपूतों की सूची में  दर्ज कर दिया।

खबर के मुताबिक पिछले कुछ महीनों से  मेहर रेजीमेंट के शिवराज सिंह (37) पुत्र गोविन्द सिंह बोरा सियाचिन में तैनात थे।   पिछले दिनों से  सियाचिन का तापमान निरन्तर घटने के कारण नौ मार्च को ऑक्सीजन की  कमी इस कदर होने लगी की अचानक शिवराज की तबीयत खराब हो गयी।

हालत की गम्भीरता के चलते उन्हें हेलीकाॅप्टर से तुरन्त ही इलाज के लिए प्रतापपुर ले जाया गया।  परन्तु उन्हें नही बचाया जा सका एवं 12 मार्च को उनकी मौत हो गई। और 14 मार्च को मेहर रेजीमेंट के ही सूबेदार प्यारे सिंह, सीएचएम उमेश सिंह बिष्ट व उनके अन्य साथी शहीद के शव को लेकर उनके पैतृक गांव मल्लारतोली पहुंचे। जहां पहले से शोक का माहौल बना हुआ था।

शहीद शिवराज सिंह बोरा के अंतिम दर्शन के पश्चात कोसी सांई नदी के संगम पर स्थित श्मशान घाट पर सम्स्त सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।  अंतिम संस्कार के दौरान क्षेत्र के सैंकड़ों लोगों ने अपनी मौजूदगी के साथ  शहीद को अन्तिम भव्य सलामी दी। शहीद के निधन पर उत्तराखणड की  बाल विकास मंत्री रेखा आर्या,  ब्लॉक प्रमुख दीपक बोरा,भुवन जोशी, डॉ. देवेंद्र जोशी, आनंद बोरा,  कुंवर सिंह, राजेंद्र कैङा, नंदन सिंह, लाल सिंह बजेठा, नरेंद्र मोहन नयाल समेत अनेक लोगों ने भी शोक व्यक्त किया है।

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