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ये युवा भूखा रहा,टेंट में रात गुजारी, गोल गप्पे बेचे और आज टीम इंडिया में पहुंच गया

नई दिल्ली: सपने जरूर साकार होते हैं। उन्हें देखने के अलावा उसे मेहनत के पसीने से सिंचना पड़ता है और वो खुद आपके पास खुशी-खुशी हकीकत बनकर सामने आ जाते हैं। क्रिकेटर बनना सबसे मुश्किल काम है, क्योंकि हम एक ऐसे देश में रहते हैं जिसकी संख्या 125 करोड़ है। जहां हर घर का बच्चा क्रिकेटर बनने के सपने देखता है और नीली जर्सी पहनने का मौका केवल दो दर्जन लोगों को ही मिलता है जो लंबे वक्त तक टीम के लिए खेलते हैं। ये खेल हर वक्त ऊर्जा से भरा रहता है क्योंकि यहां तक पहुंचने वाला हर शख्स की कामयाबी के पीछे ऐसी मेहनत होती है जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर दे कि ऐसा कोई कैसे कर सकता हैं।

भारतीय अंडर-19 टीम में एक ऐसे युवा का चयन हुआ है जिसने क्रिकेटर बनने के लिए छोटी उम्र में घर छोड़ दिया। कई रातें भूखें पेट टेंट पर गुजारी, थोड़े पैसों के लिए गोल गप्पे भी बेचे। इस युवा का नाम है यशस्वी जायसवाल । 17 साल के इस युवा ने अपनी परिश्रम की कहानी से क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को भी इतना प्रभावित किया कि उन्होंने मिलने के लिए घर पर बुलाया। यशस्वी जायसवाल का चयन भारतीय वनडे अंडर-19 टीम के लिए हुआ है। वो श्रीलंका दौरे के लिए टीम का हिस्सा है जिसकी कप्तानी आर्यन जुयाल करेंगे।

टेंट में रहा, भूखे पेट सोया, गोलगप्पे बेचे, अब U-19 में हुआ सिलेक्ट

क्रिकेटर बनने के लिए यशस्वी जायसवाल ने अपने आने वाली हर कठिनाई से डंटकर मुकाबला किया। यशस्वी 3 साल तक मुंबई के मौलाना मैदान पर ग्राउंडसमैन के साथ मुस्लिम यूनाइटेड के टेंट में रहे। इन्हें ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि आमतौर पर जिस डेयरी की दुकान पर सोते थे वहां से उन्हें बाहर कर दिया गया था। उस समय उनकी उम्र महज 11 साल थी।

टेंट में रहा, भूखे पेट सोया, गोलगप्पे बेचे, अब U-19 में हुआ सिलेक्ट

इनके जेहन में क्रिकेट ही सबकुछ था और लगातार इसी पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे। अब जब 17 साल के हो गए तो भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम में जगह भी मिल गयी है। ये मुख्य रूप से मिडल ऑर्डर के बल्लेबाज है जो बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते है।साथ ही आपको बता दें कि यशस्वी को इस सबके अलावा काफी संघर्ष करना पड़ा है। इन्हें तंबू में कई बार बिना खाये पिए ही सोना पड़ा है जो एक इंटरव्यू में बताया गया है।

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इनके अलावा इन्होंने गोलगप्पे भी बेचे है। बता दें कि यशस्वी के पिता जो उत्तर प्रदेश के भदोही में एक छोटी सी दुकान चलाते है इस कारण ये इतने बड़े परिवार से नहीं है कि आसानी से खूब सारा पैसा खर्च कर दें। यशस्वी ने टी20 मुंबई लीग में भी अपना जलवा बिखेरा था जिसके बाद उन्हें भारतीय अंडर-19 टीम में जगह मिली है।

 

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