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पाकिस्तान जाने पर बोर्ड ने इस सलामी बल्लेबाज को दी सजा, लगाया एक साल का बैन

नई दिल्ली: पाकिस्तान एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार धारा 370 को लेकर नहीं बल्कि क्रिकेट को लेकर। दरअसल अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने सलामी बल्लेबाज को बिना अनुमति लिए पाकिस्तान जाने और वहां अभ्यास करने के जुर्म में एक साल का बैन लगा दिया है। बोर्ड की मानें तो अफगानिस्तान में क्रिकेट की सभी सुविधाएं हैं और किसी भी खिलाड़ी को दूसरे देश जाने की जरूरत नहीं हैं। अगर जाना है तो उन्हें बोर्ड से अनुमति लेनी होगी।

यह सलामी बल्लेबाज कोई और नहीं बल्कि विश्वकप के दौरान सुर्खियों में रहने वाले  मोहम्मद शहजाद  हैं। अफगानिस्तान के ओपनर मोहम्मद शहजाद को पाकिस्तान जाने पर क्रिकेट बोर्ड ने आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया है और एक साल का बैन लगाया है। बोर्ड ने साफ कर दिया है कि मोहम्मद शहजाद अब एक साल तक किसी भी प्रारूप में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल सकेंगे।  

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शहजाद को देश से बाहर जाने के लिए बोर्ड की अनुमति न लेने पर आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी माना गया है।ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार, शहजाद पाकिस्तान के पेशावर में हैं और हाल ही में उन्हें वहां ट्रेनिंग करते हुए देखा गया था । पिछले साल भी अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने शहजाद पर ये चेतावनी देते हुए जुर्माना लगाया था कि या तो वो पूरी तरह से अफगानिस्तान में शिफ्ट हो जाएं या फिर उनका कांट्रैक्ट रद्द करने पर विचार किया जाएगा। अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के वरिष्ठ सदस्य मोहम्मद शहजाद पर 2017 में भी बैन लग था। तब प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन करने पर उन पर एक साल का प्रतिबंध लगाया गया था।

विश्वकप में हुए थे बाहर

बता दें कि शहजाद को वर्ल्ड कप के दौरान घुटने में चोट के चलते वर्ल्ड कप के बीच में से ही अफगानिस्तान भेज दिया गया था। इसके बाद काबुल में उन्होंने मीडिया को बताया क वह पूरी तरह फिट हैं और टीम उन्हें अपने साथ नहीं रखना चाहती। उन्होंने कहा था कि अगर वे नहीं चाहते कि मैं खेलूं तो मैं क्रिकेट छोड़ दूंगा ।

पाकिस्तान में है ससुराल

मोहम्मद शहजाद ने अपने शुरुआती कई साल पेशावर में एक रिफ्यूजी कैंप में रहते हुए बिताए थे, लेकिन उनके पैरेंट्स मूल रूप से अफगानिस्तान के नानगरहर के हैं. अफगानिस्तान के अपने कई साथी खिलाड़ियों की ही तरह मोहम्मद शहजाद भी अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर बड़े हुए. उनकी शादी भी पेशावर में ही हुई थी. रिफ्यूजी रहे कई अफगानिस्तानी अब पाकिस्तान खासतौर पर पेशावर में रहते हैं ।

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