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महिला दिवस के दिन महिला खिलाड़ियों के साथ BCCI का मजाक, क्या यही बराबरी का दर्जा है !

नई दिल्ली: क्रिकेट को भारत में धर्म के माना जाता है। खिलाड़ी क्रिकेट फैंस के लिए किसी भगवान से कम नहीं है। क्रिकेट के मैदान पर उनके परिश्रम का कोई तोड़ नहीं है जो देश को खुशी देता है। पुरुष ही नहीं बल्कि महिला टीम ने भी क्रिकेट जगत में तिंरगे का मान बढ़ाया। गुरुवार को बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के लिए साल भर का कॉंट्रेक्ट जारी किया।

पुरुष खिलाड़ियों के लिए कॉट्रेक्ट की अधिकतम रकम 7 करोड़ है वहीं महिलाओं के लिए यह रकम 50 लाख है। महिला दिवस पर पूरा देश महिलाओं को समाज और देश के प्रति उनकी भागेदारी को सलाम कर रहा है लेकिन कॉट्रेक्ट में हुए भेदभाव से लोग खासा निराश है। हम सवाल उठता है कि क्या महिलाएं बराबरी की हिस्सेदार नहीं है। आप कहेंगे कि महिला क्रिकेट देखता कौन है। क्रिकेट तब देखा जाएगा जब बोर्ड उनके लिए सीरियस होगा। महिला दिवस के मौके पर पूरा देश महिलाओं के सम्मान में बात कर रहा है लेकिन बोर्ड के फैसले ने उसी दिन उनका अपमान किया है।

साल 2017 में जब महिला टीम विश्वकप के फाइनल में पहुंची तो पूरा देश उन्हे सलाम कर रहा था लेकिन उसके बाद फिर से खामोशी हो गई। महिला टीम के अधिकतम मैच प्रसारित ही नहीं किए जाते हैं। मैदान पर जो दर्द पुरुष झेलते हैं जो महिला खिलाड़ी भी झेलते हैं। पुरुष टीम विदेशी दौरे पर अपने परिवार को लेकर जाते है और जिसकी देखभाल बोर्ड का मैनेजमेंट ही करता है। क्या ये रकम महिलाओं के लिए काम नहीं आ सकती है।  महिलाएं तो टीम के साथ ट्रैवल करती है। इस बात से इंकार नहीं कर रहे है पुरुष टीम से मिलने वाले विज्ञापन बीसीसीआई का बैंक बैलेंस को मजबूत करते है, ये बीसीसीआई का काम है कि वो महिला क्रिकेट के ढांचे को कैसे सुधारे ना की खिलाड़ियों का। उनका काम खेलना है और वो कर रहे हैं।

पुरुष ‘ए प्लस ग्रेड’ में तीन खिलाड़ियों को कुल 21 करोड़ रुपए, ‘ए ग्रेड’ में 11 खिलाड़ियों को कुल 55 करोड़ रुपए, ‘बी ग्रेड’ में चार खिलाड़ियों को कुल 12 करोड़ रुपए और ‘ग्रेड सी’ में 7 खिलाड़ियों को कुल 7 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। पुरुषों की अनुबंध सूची में कुल 29 खिलाड़ी रखे गए हैं और इन्हें दी जाने वाली सालाना अनुबंध राशि 95 करोड़ रुपए बैठती है।

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महिला ‘ए ग्रेड’ में चार खिलाड़ियों को रखा गया है जिनके कुल 2 करोड़ रुपए बनते हैं। ‘बी ग्रेड’ में पांच खिलाड़ी हैं जिनके कुल डेढ़ करोड़ रुपए बनते हैं जबकि ‘सी ग्रेड’ में 11 खिलाड़ी हैं जिनके कुल 1 करोड़ 10 लाख रुपए बनते हैं। महिलाओं के ग्रेड में कुल 20 खिलाड़ी शामिल हैं जिन्हें दी जाने वाली कुल अनुबंध राशि 4 करोड़ 60 लाख रुपए बनती है। महिला क्रिकेटरों के कुल अनुबंध पर अकेले पुरुष ‘ए ग्रेड’ के एक खिलाड़ी का अनुबंध भारी पड़ता है जिसे 5 करोड़ रुपये मिलते हैं।

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