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उत्तराखंड में मानव तस्करी,कुवैत जाने के लिए बनबसा पहुंचीं पांच युवतियां,पुलिस ने पकड़ा

चंपावत: भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी ने मानव तस्करी निरोधक दस्ते (एएचटीयू) कुवैत जा रहीं नेपाल की पांच युवतियों को पकड़ा है। उन्हें नेपाल पुलिस के माध्यम से नेपाली संस्था को सौंप दिया। यह भी सामने आया है कि नेपाली युवती का नागरिकता कार्ड फर्जी है। एसएसबी ने नेपाल के झापा जिला निवासी रोशनी धिमिरे (28), रोजीना धिमीरे (23), मात्रिका देवी घिमिरे (18), दीपा मिस्त्री (27), जिला मकवानपुर निवासी सुनीता सयागतान (21) को नेपाल पुलिस के सुपुर्द किया। एसएसबी एएचटीयू के उपनिरीक्षक नवीन कुमारी, एचसी गौरीशंकर राठौर, नसीब चंद, शांति पुनर्वास स्थापना गृह सदस्य सनजीत सिंह, कैलाशो राना, नेपाल प्रहरी टीम के रमेश नाथ, मकर खड़का द्वारा इन्हें पकड़ा गया था।

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जानकारी के अनुसार रविवार को पांच नेपाली युवतियां बनबसा जाने के लिए एसएसबी चेकपोस्ट पर पहुंची। इस दौरान एसएसबी के दस्ते ने संदेह के आधार पर पांचों युवतियों से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उनके बयान कुछ शक पैदा करने लगे तो एसएसबी के दस्ते को मानव तस्करी की आशंका हुई। इसके बाद एसएसबी ने नेपाल पुलिस, गड्डाचौकी स्थित शांति पुनर्वास स्थापना गृह नामक संस्था को मामले की पूरी जानकारी दी। फिर संयुक्त रूप से की गई पूछताछ में एक युवती काफी घबरा गई।

उन्होंने पुलिस को जानकारी दी कि नेपाल से दिल्ली जाने के लिए बनबसा पहुंची थी। एसएसबी 57वीं वाहिनी की बनबसा स्थित ई कंपनी की प्रभारी असिस्टेंट कमांडेंट तन्वी शुक्ला ने बताया कि युवतियों से तीन नेपाली नागरिकता प्रमाणपत्र, एक भारतीय आधार कार्ड, एक जन्म प्रमाणपत्र और नेपाल के दो पासपोर्ट मिले हैं। उन्होंने बताया कि रोशनी नाम की युवती दो वर्ष पूर्व कुवैत जा चुकी है। उसके पासपोर्ट पर सऊदी अरब का वीजा लगा है। वह अपने साथ अन्य चार युवतियों को कुवैत ले जा रही थी।

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