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हाईटेक सफर और जानवरों की सुरक्षा,एलिवेटेड रोड से होकर गुज़रेंगे देहरादून से दिल्ली जाने वाले यात्री

हल्द्वानी: सड़कें बढ़िया होंगी तो सफर का मज़ा दोगुना हो जाएगा। वाकई सड़कों का बेहतर होना समय से पहुंचने के लिए तो ज़रूरी है ही, साथ ही साथ सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भी आवश्यक है। उत्तराखंड में इन दिनों सड़कों को ले कर खासा योजनाएं, घोषणाएं अथवा चर्चाएं सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक राहत भरी खबर देहरादून से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए आई है।

दरअसल देहरादून से दिल्ली की तरफ ले जाने वाला राष्ट्रीय मार्ग निर्माणाधीन था और पिछले कुछ समय से खासा दिक्कतों का सामना कर रहा था। लेकिन अब उसका समाधान मिल गया है। जानकारी के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा गणेशपुर से मोहंड तक जाने वाली सड़क को निर्माण की मंजूरी मिल गई है। एनएचएआई (NHAI) ने यहां एलिवेटेड रोड बनाने के प्रस्ताव को ले कर सहमति जताई है।

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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के द्वारा ही यह तय किया जाता है कि किस राष्ट्रीय राज मार्ग का निर्माण किया जाना है। अब एनएचएआई की मंजूरी मिलने के बाद अब दिल्ली-दून हाईवे का काम तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक गणेशपुर से मोहंड तक एलिवेटेड रोड बना कर तैयार की जानी है। बता दें कि यह हिस्सा तकरीबन 16 किमी है। कुल मिला कर दिल्ली-दून राजमार्ग के चौड़ीकरण प्रोजेक्ट की लंबाई 19.38 किमी है। मुख्य तौर पर एलिवेटेड रोड बनाने का निर्णय वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रख कर लिया गया है।

इससे पहले यह तय हुआ था कि इस मार्ग पर एनएचएआई करीब 16 किमी के भाग में चौड़ीकरण का काम करेगा, मगर जंगली जानवरों की सेफ्टी के लिए वन्यजीव विशेषज्ञों ने इसका विरोध किया था। यही कारण है कि अब एनएचएआई गणेशपुर से मोहंड तक एलिवेटेड रोड बनाने को ले कर राजी हुआ है। जानकारी के लिए बता दें कि सहारनपुर से लेकर देहरादून के रास्ते में शिवालिक वन प्रभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र आपस में जुड़ा हुआ है। यहां जानवर अधिकतर वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। यही कारण है कि अब यहां एलिवेटेड रोड बनना सुनिश्चित किया गया है।

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जानवरों की सुरक्षा हेतु कई विशेषज्ञों द्वारा इस जगह का सर्वे भी किया गया था। 30 जून को भारतीय वन्यजीव संस्थान, राजाजी टाइगर रिजर्व, एनएचएआई और शिवालिक वन प्रभाग के विशेषज्ञों ने इस जगह का निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण के उपरांत ही यहां के 16 किमी के जंगली इलाके में एलिवेटेड रोड बनाने का सुझाव आगे रखा गया था। मगर बाद में फिर से प्रस्तावित योजना के तहत केवल चौड़ीकरण की बातों को हवा मिलने लगी थी।

इसके बाद वन्यजीव विशेषज्ञों द्वारा जानवरों की सुरक्षा का हवाला देते हुए यह कहा था कि, यह निर्माण हुआ तो 10 से 15 हज़ार पेड़ काटे जाएंगे,जिसके चलते वन्यजीवों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ेगा। उन्होंने यह सुझाव दिया कि गणेशपुर इलाके में स्थित बुढ्ढावन नर्सरी के पास एलिवेटेड रोड को घुमाव देते हुए मोहंड नदी के साथ-साथ आगे बढ़ाया जाए। और यहां से इसे मोहंड पर पुरानी सड़क पर मिला दिया जाए। काफी लंबे समय तक खिंचने के बाद अब यह मामला परिणाम पर पहुंच गया है। अब यहां एलिवेटेड रोड बनाने को मंजूरी मिल गई है।

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