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भवाली में अतिक्रमण पर फिर चला बुलडोजर, सामने आए व्यापारी

भवाली:नीरज जोशी: उच्च न्यायलय के फैसले के अनुपालन के क्रम में आज फिर जिला प्रशासन और नगर पालिका परिषद ने भवाली  में अतिक्रमण हटाया। अतिक्रमण हटाने वाली टीम में अपर जिला अधिकारी,नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी ,वन विभाग के अधिकारी और भारी मात्रा में पुलिस बल मौजूद रहा। बता दें की भवाली निवासी अनिल बिष्ट व भवानी राम की जनहित याचिका को देखते हुवे हाईकोर्ट ने तीन महीने में भवाली मुख्य चौराहे से उजाला अकेडमी  तक अतिक्रमण के आदेश जिला प्रशाश को दिए थे जिस पर कड़ा रुख अपनाते हुए प्रशासन ने अपना डंडा चलाना शरू कर दिया है।
गुरुवार को भी सुबह से ही फड़ व्यवसाइयों पर प्रशासन ने कडा रुख अपनाते हुए दुकाने खाली करा कर अतिक्रमण हटाया। इसी क्रम में संयुक्त मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला का कहना था कि माननीय उच्च न्यायालय के फैसले के अनुपालन में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। अतिक्रमण को नगर पालिका लोक निर्माण विभाग द्वारा चिन्हित किया गया था। पूर्व में ही लोगो को सामान हटाने के लिए बताया गया और जिन्हें चिन्हित किया गया है उस अतिक्रमण को हटाया जा रहा है। वही अपर पुलिस अधिक्ष्यक हरीश चंद सती का कहना है था कि अतिक्रमण हटाने के लिए पर्याप्त पुलिस बल मौजूद है। जिसमे महिला पुलिस बल फायर ब्रिगेड अग्नि समन दस्ता सभी है। अगर किसी भी तरह की लापरवाही बरती गई तो पुलिस को आवश्यक कार्यवाही करने को मजबूर होना पड़ेगा।
व्यापारी नेता नरेश पांडे का कहना था कि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही तो ठीक है लेकिन स्थानीय प्रशासन पहले इन्हें बसाता है फिर उजाड़ता है। इसलिए पालिका इन्हें दूरी जगह स्थान्तरित भी करें, जिससे गरीब आदमी परेशान है। चालिश सालो से इन लोगो से हर दिन पालिका द्वारा पैसा वसूला गया। अब इनकी दुकानों पर बुलडोजर चला दिया गया है जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि अब ये गरीब दुकानदार कहा जाएंगे। सरकार इन गरीब दुकानदारों को जहर देकर मार दे। अब इनकी रोजी रोटी इनसे चीन ली गई है अब इनके पास घर चलाने के लिए अन्य कोई साधन नही है। पालिका की यह मनमानी चल रही है जो पूरी तरह से गलत है। विगत रोज पहले हमने फड़ो को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की है जीसका  नंबर भी हमे प्राप्त हो चुका है लेकिन अधिकारी उसको भी देखने से इनकार कर रहे है।

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दुकानदार अनिल जोशी ने बताया कि कई दुकानों को चिन्हित नही किया गया नाप भूमि में बुलडोजर चला दिया गया उन्होंने कहा कि संयुक्त मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने भी दुकानों के दस्तावेज देखने से इनकार कर दिया।  मैंने चालिश साल पुराने दस्तावेज मोके पर दिखाए लेकिन सँयुक्त मजिस्ट्रेट ने उन्हें देखने से इनकार कर दिया।उन्होंने कहा पटवारी ई ओ एस डी एम सभी इस मामले में लिप्त हैं। उन्होंने हाईकोर्ट से गुहार लगाते हुवे कहा कि इस सभी से पूछा जाए कि नाप भूमि किस दस्तावेज को देखते हुवे तोड़ी गई। अधिकारीयो  ने अपनी आँखों मे क्यों पट्टी बांध ली। कहा कि हाईकोर्ट ने मौके पर जिस दुकानदार के पास दुकान के कागज मील उन्हें छोड़ने की बात कही थी। जो भूमिधर में काबिज है उन्हें भी तोड़ा जा रहा है जिसके जिम्मेदार नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी व संयुक्त मजिस्ट्रेट नैनीताल होंगे।
इस दौरान संयुक्त मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला, प्राधिकरण सचिव हरबीर सिंह अपर पुलिस अधीक्षक हरीश चंद्र सती, अधिशासी अभियन्ता, ए वी काण्डपाल, अधिशासी अधिकारी ईश्वर सिंह रावत वैन विभाग अधिकारी व सभी कर्मचारी मौजूद रहे।
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