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बस स्टेशन हुए पैक,सीटों के लिए मारामारी,उत्तराखंड रोडवेज की रोजाना कमाई एक करोड़

देहरादून: कोरोना वारयस के चलते उत्तराखंड परिवहन निगम को करोडों का नुकसान हुआ। अनलॉक में बसों के संचालन को शुरू किया गया लेकिन इससे मिलने वाली रकम धीमी गति में घाटे को कम कर रही थी लेकिन दिवाली के सीजन ने विभाग के अधिकारियों के चहरे पर मुस्कान ला दी है। त्योहार के सीजन को देखते हुए बसों में भीड़ लगातार बढ रही है। हल्द्वानी, देहरादून और हरिद्वार से तो कई रूटों पर अतिरिक्त बसों को चलाया जा रहा है लेकिन इसके बाद भी भीड़ कम नहीं हो रही है। अधिक बसों के चलने से विभाग को करोड़ों में राजस्व प्राप्त हो रहा है। यात्रियों की संख्या बढ़ने की वजह से परिवहन निगम की आय में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक परिवहन निगम की दैनिक आय एक करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

परिवहन निगम महाप्रबंधक संचालन आरपी भारती ने कहा कि त्योहार को देखते हुए फिलहाल 100 अतिरिक्त बसें संचालित की जा रही हैं। जरूरत पड़ने पर बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। दीपावली के चलते घर जाने के लिए रोडवेज की बसों में सीटों को लेकर काफी मारामारी रही। देहरादून से दिल्ली, लखनऊ, चंडीगढ़, गुरुग्राम व जयपुर जाने वाली बसों में सबसे ज्यादा यात्री सवार हो रहे हैं। यात्रियों को राहत देने के लिए 100 अतिरिक्त बसें संचालित की गई हैं। इसके साथ ही लोकल रूट देहरादून से हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश के लिए फेरे बढ़ा दिए गए हैं। ट्रेनों का संचालन ना होने से यात्रियों के पास बस के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं हैं।

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परिवहन निगम अधिकारियों की मानें तो सबसे अधिक मारामारी यूपी के मुरादाबाद, बरेली व लखनऊ जाने वाली साधारण व वॉल्वो बसों में है। बृहस्पतिवार देर रात यात्रियों की भीड़ बढ़ जाने की वजह से बरेली, मुरादाबाद, लखनऊ के लिए अतिरिक्त बसें लगानी पड़ीं। यात्रियों की भीड़ अधिकारियों के चुनौती जरूर है लेकिन अच्छी कमाई उन्हें उत्साहित कर रही है। त्योहारों के सीजन में विभाग की कोशिश होगी कि कोरोना वायरस के चलते हुए घाटे को कम किया जाए। दूसरी ओर आईएसबीटी पर यात्रियों की भीड़ बढ़ने के कारोबारियों के चेहरों पर भी खुशी लौट आयी है। उनका कहना है कि कहना है कि कोरोना संकट के चलते बसोें का संचालन सात माह तक ठप होने से उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। अब बसाें का संचालन शुरू होने और दीपावली पर यात्री आने से कारोबार पटरी पर लौट रहा है।

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