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पहाड़ियों को चीरते हुए गौचर हवाई अड्डे से उड़ान भरेगा भारतीय वायुसेना का डोर्नियर

देहरादून: उत्तराखंड भी वायुसेना की मदद करेगा। उत्तराखंड सरकार गौचर हवाई पट्टी को बीस सीटर डोर्नियर विमान के उड़ाने लायक बनाएगी। इस संबंध में त्रिवेंद्र सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भी भेज दिया है। डोर्नियर विमान के बारे में बात करें तो यह विमान 360 डिग्री रडार से लैस रहता है। यह ईंधन की बचत करने के साथ हल्का होता है। इसे वायुसेना के बाड़े में भी शामिल किया गया है। यह छोटे रनवे पर लैंड और टेक ऑफ कर सकता है। यह विमान निगरानी, नागरिक व सैन्य परिवहन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।

बता दें कि गौचर हवाई पट्टी का निर्माण वर्ष 1996 में शुरू हुआ था। 509 नाली भूमि पर 15.5 करोड़ की लागत से 1450 मीटर लंबी हवाई पट्टी वर्ष 2000 में बनकर तैयार हुई। वर्तमान में शासन और सेना यहां से हवाई सेवाओं का संचालन कर रही है।  खबर के मुताबिक उत्तराखंड सरकार गौचर हवाई पट्टी को नागरिक उड्डयन मंत्रालय केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार विकसित करेगा। मौजूदा वक्त में हवाई पट्टी की लंबाई 1450 मीटर है और विस्तार के बाद 1600 मीटर हो जाएगी।

इस बारे में नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि अभी हवाई पट्टी के चारों ओर स्थित पहाड़ियों के होने से दिक्कत हो रही है। इसमें नाग-कांडा की ऊंची पहाड़ी प्रमुख है। पहाड़ियों के बाईपास रास्ते से उड़ान की संभावनाओं को देखते हुए गौचर हवाई पट्टी को विकसित करने का प्रस्ताव उड्डयन मंत्रालय केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है। गौचर हवाई पट्टी का विस्तारीकरण कर 150 मीटर लंबा और 70 मीटर चौड़ा करने के लिए प्रशासन से रिपोर्ट शासन की ओर से मांगी गई है। गौचर हवाई पट्टी का विस्तार केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मानकों के अनुसार होगा।


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