Uttarakhand News

देश के पांच सबसे महंगे राज्यों में शामिल हुआ उत्तराखंड, पूरी लिस्ट देखें

देश के पांच सबसे महंगे राज्यों में शामिल हुआ उत्तराखंड, पूरी लिस्ट देखें

देहरादून: देश में पर्टयन के लिए विख्यात उत्तराखंड को लेकर एक आंकड़ा सामने आया है। देवभूमि उत्तराखंड (7.93 प्रतिशत) भारत के सबसे महंगे राज्य की सूची में पांचवे स्थान पर है। यह सूची केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से जारी की गई है। देश के महंगे राज्य में शुमार होने के बाद भी उत्तराखंड में पर्टयकों के लिए पहली पसंद रहता है। हर साल लाखों की संख्या में सैलानी देवभूमि पहुंचते हैं।

This image has an empty alt attribute; its file name is HALDWANILIVE-scaled.jpg

उत्तराखंड में महंगाई को सामान्य रूप से मौसम से जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि बारिश के होने से वस्तुओं के दाम बढ़ जाते हैं। केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने 14 सितंबर को रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल अगस्त माह की तुलना में इस साल अगस्त माह में महंगाई दर में 7.93 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और वह देश के सबसे महंगे राज्य की सूची में 5वें नंबर पर है। दूसरी ओर पर्टयन पर निर्भर रहने वाला हिमाचल प्रदेश (4.18 प्रतिशत) महंगाई में अंकुश लगाने में कामयाब हुआ है और उत्तराखंड से बेहतर स्थान पर वह है। इसके अलावा दिल्ली (3.58) भी उपभोक्ता वस्तुओं की महंगाई पर नियंत्रण लगाने के मामले में उत्तराखंड से बेहतर दिखाई देता है।

https://www.facebook.com/onlinehaldwanilive/videos/322340585533915/

महंगाई दर 
राज्य                दर
असम –           9.52
पश्चिम बंगाल –  9.44
उड़ीसा –         8.17
तेलंगाना –       8.38
उत्तराखंड –     7.93
उत्तर प्रदेश –   7.03
हिमाचल –      4.18
दिल्ली –         3.58


उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में रोजगार के बारे में हर कोई वाकिफ है। इस परेशानी को महंगाई ने बढ़ा दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों मैदानी क्षेत्रों के मुताबिक अधिक महंगे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 8.10 और शहरी क्षेत्रों में 7.68 है। यह इसलिए क्योंकि मैदानी क्षेत्रों से उपभोक्ता वस्तुओं को लेकर पर्वतीय क्षेत्रों में ले जाया जाता है, यह कारोबार परिवहन व्यवस्था पर निर्भर रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए राज्य में लोकल के लिए वोकल अभियान को बढ़ाने चाहिए, इससे उनकी जरूरत अपने क्षेत्र में ही पूरी हो जाएगी। उन्हें बाहरी शहरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। 

To Top
Ad