
अल्मोड़ा: पहाड़ी खाना, पहाड़ी व्यंजन और पहाड़ी स्वाद। इनके बिना पहाड़ों और पहाड़ों पर रहने वालों की ज़िंदगी की कल्पना करना बहुत कठिन है। बहरहाल अब सरकार द्वारा कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि पहाड़ के स्वाद को हर थाली में परोसने की व्यवस्था की जाए। उत्तराखंड आने वाले पर्यटक इसे चख कर आनंद ले सकें। इससे पहाड़ी व्यंजनों को भी खासा बढ़ावा मिल सकेगा।
उत्तराखंड सरकार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश के सभी होटलों में कुमाऊंनी और गढ़वाली खाने को अनिवार्य कर दिया है। बता दें कि अब उत्तराखंड में आकर होटलों और अन्य जगहों पर रुकने वाले पर्यटकों के लिए जो मेन्यू आएगा, उसमें पहाड़ी स्वाद की लिस्ट भी आएगी। कई फाइव स्टार होटल संचालकों ने अपने मेन्यू सूची में पहाड़ी डिशों को शामिल भी कर लिया है।
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इन दिनों अल्मोड़ा का भ्रमण कर रहे पर्यटन मंत्री ने पहाड़ के व्यंजनों को आगे आने का मौका दिया है। जिससे ना सिर्फ लोगों को एक अलग स्वाद मिलेगा बल्कि स्थानीय लोगों को भी इससे लाभ हो सकेगा। इसके अलावा पर्यटन मंत्रालय की ओर से लगातार सभी जिलों में पर्यटन को बढ़ावा देने के रास्ते खोजे जा रहे हैं। तमाम पर्यटन गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए थीम के तौर पर नए स्थल विकसित किए जा रहे हैं।
इतना ही नहीं यह भी देखा जा रहा है किस तरह से रोज़गार के मौके भी उत्पन्न किए जा सकें। इसी कड़ी में पहाड़ी व्यंजनों को आगे बढ़ाने के साथ साथ कोसी कटारमल पहुंचे पर्य़टन मंत्री सतपाल महाराज ने यहां स्वदेश दर्शन के तहत 30.57 करोड़ के विसाक कार्यों और योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। साथ ही साहसिक पर्यटन गतिविधियों जैसे रिवर राफ्टिंग व पैराग्लाइडिंग के लिए करोड़ों का बजट रखा है।
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