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चमोली आपदा: वैज्ञानिकों का दावा, पहली बार ठंड में फटा है ग्लेशियर, बताया हैरतअंगेज़

हल्द्वानी: समूचा देश इस वक्त उत्तराखंड को ही खबरों में पा रहा है। चमोली में आई आपदा ने सनसनी फैला दी है। चमोली में नंदा देवी नेशनल पार्क के अंतर्गत कोर जोन में स्थित ग्लेशियर के फटने से से रैनी गांव के पास ऋषि गांव तपोवन हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध भी टूट गया है। जिस वजह से काफी नुकसान होने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं। साथ ही सैंकड़ों की संख्या में लोगों के बहने की खबर से भी सभी द्रवित हैं।। वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंड में इस चरह की घठना कता होना, वाकई हैरानी भरा है।

पहली बार कोई ग्लेशियर ठंड में टूटा है। यह हैरतअंगेज है। यह दावा वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन ज्योलॉजी के वैज्ञानिक डॉ अमित कुमार ने किया है। बता दें कि अभी तक यह पता नहीं लगाया जा सका है कि ग्लेशियर फटने की सही वजह क्या है। लेकिन हो सकता है कि जमीन के नीचे कटाव कारण ऐसा हुआ हो।

हुआ यूं कि ग्लेशियर फटने से धौली नदी में बाढ़ आई। इसके बाद पानी का ऐसा सैलाब आया कि ऋषि गंगा और तपोवन हाइड्रो प्रोजेक्ट भी ध्वस्त हो गए। जिसके कारण नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। चमोली से लेकर ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट जारी किया गया है।  इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार भी अलर्ट हो गई है। चमोली और हरिद्वार में लोगों को नदी किनारे से हटाया जा रहा है। टीएचडीसी ने नदी में पानी का बहाव कम करने के लिए टिहरी बांध से पानी छोडना भी बंद कर दिया है। उम्मीद लगाई जा रही है कि इससे कुछ फर्क पड़ेगा।

प्रशासन पूरी तरह से इस मामले में जुट गया है। आईटीबीपी की दो टीमें मौके पर भेज दी गई हैं। एनडीआरएफ की तीन टीम देहरादून से रवाना हो चुकी हैं। साथ ही आपको बता दें कि अतिरिक्त टीमें शाम तक वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से वहां पहुंचेंगी। इसके अलावा मौके पर पहले से ही एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन मौजूद है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावतभी सक्रिय हैं। उन्होंने मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। किसी भी मदद के लिए आपदा परिचालन केंद्र के नंबर 1905 या 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें।

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