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उत्तराखंड:पंचतत्व में विलीन हुए हवलदार यशपाल सिंह, एक दिन पहले छुट्टी से लौटे थे

हल्द्वानी: जम्मू कश्मीर के उधमपुर में तैनात 19 गढ़वाल राइफल के हवलदार यशपाल सिंह को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनका ब्रेन हेमरेज के चलते निधन हो गया था। शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीर रामनगर के पीरुमदारा लाया गया। आखिरी दर्शन के लिए क्षेत्र के लोग पहुंचे। सभी की आंखों में आंसू थे, किसे पता था कि छुट्टी से ड्यूटी पर लौटे यशपाल एक हफ्ते के कम वक्त के बाद इस तरह घर लौटेंगे। हवलदार यशपाल सिंह अपने पीछे पत्नी दो बच्चे को परिजनों को रोता बिलखता छोड़ गए हैं।

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बता दें कि 3 अक्टूबर को छुट्टी के बाद जम्मू-कश्मीर पहुंचे यशपाल सिंह को 5 अक्टूबर के दिन ड्यूटी के दौरान चक्कर आए। वह गिर गए थे और उनके सिर पर चोट आई थी। उन्हें सैन्य अस्पताल उपचार के लिए लाया गया। उनकी पत्नी भी जम्मू पहुंची थी लेकिन 6 अक्टूबर को उनका निधन हो गया। उनकी अंतिम विदाई रामनगर के विश्राम घाट में हुई। मूल रूप से राज्य के मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के बेजरो तोल्यूं गांव निवासी यशपाल सिंह रावत पुत्र शाकम्बर सिंह रावत का बीते छः अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान आकस्मिक निधन हो गया था। मृतक हवलदार यशपाल 2002 में 19 गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे और इन दिनों यशपाल 48 राष्ट्रीय राइफल के 213 ट्रांजिट कैंप जम्मू में तैनात थे। 

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