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जिन्होंने दिलाई देवभूमि की संस्कृति को पहचान उनका राष्ट्र ने किया सम्मान

देहरादूनः अपने कर्म से देश में मिसाल पेश करनी वाली महिलाओं को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सम्मानित किया।  शनिवार कोे राष्ट्रपति भवन में फर्स्ट लेडीज कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्वारा भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाने वाली 112 महिलाओं को सम्मानित किया गया। इन महिलाओं ने देश में संदेश दिया है कि उन्हें घर के बाहर निकलने की जरूरत है और अगर ऐसा होता है तो वो कुछ भी करने में सक्षम है। इस लिस्ट में उत्तराखण्ड के जागर को देश विदेश में प्रसिद्ध करने वाली बसंती बिष्ट भी है। उनकी कामयाबी देवभूमि की कामयाबी है क्योकि उन्होंने अपने कलचर के बदौलत उसे हासिल किया। बसंती बिष्ट की इस कामयाबी पर सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी खुशी जाहिर की। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाल बसंती बिष्ट एवं पूरे राज्य को बधाई दी।

राष्ट्रपति ने इन सम्मानित महिलाओं को ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए काम करने की सलाह दी। उन्होंने सभी महिलाओं को देश की महिलाओं के लिए प्ररेणा करार दिय़ा। सम्मानित होने की लिस्ट में  देश की पहली महिला कुली, पहली महिला ऑटो रिक्शा ड्राइवर, पहली महिला बस एवं ट्रेन ड्राइवर से लेकर असाधारण महिलाएं किरण मजूमदार शॉ, ऐश्वर्या राय, पीटी ऊषा, पीवी सिंधु सानिया मिर्जा भी शामिल हैं।

उत्तराखण्ड की बसंती बिष्ट 
उत्तराखंड के चमोली जिले के ल्वाना गांव में जन्मी बसंती बिष्ट ने पहाड़ के पारम्परिक गायन को बड़े मंचों पर भी स्थान दिलवाया है। बता दें कि जागर गायन पहाड़ो में देवी की पूजा अर्चना के साथ विभिन्न अवसरों पर किया जाता है। उत्तराखंड में गाए जाने वाले जागर को दुनियाभर के मंचों तक पहुंचाने वाली बसन्ती बिष्ट को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनकी ये कामयाबी एक बार फिर देश के बढ़ते कद और उन्नति में महिलाओं की भागेदारी पेश करती है। यह पूरे राज्य के लिए गौरवान्वित क्षण है।

 

सम्मान के बाद भावुक हुई बसंती बिष्ट- अगली स्लाइड पर

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