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उत्तराखंड में अब तीन मंडल होंगे,चमोली,रुद्रप्रयाग,अल्मोड़ा,बागेश्वर से मिलकर बनेगा गैरसैंण

 देहरादून: राज्य में अब दो नहीं बल्किन तीन मंडल हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसेंण में पहला बजट पेश किया। उन्होंने इस दौरान राज्य को नई कमिश्नरी की सौगात दी। गैरसैंण को राज्य का तीसरा मंडल (कमिश्नरी) बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने भराड़ीसैंण राजधानी क्षेत्र विकास के मार्ग पर दौड़े, उसके लिए एक माह में टाउन प्लानर की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया करने और नई बनाई गई नगर पंचायतों की स्थापना के लिए 1-1 करोड़ रुएए धनराशि की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को मिलाकर तीसरा मंडल बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी सरकार का अंतिम बजट पेश किया। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 57,400.32 करोड़ रुपये राज्य के विकास कार्य में लगाए जाएंगे। बजट में स्वास्थ्य, ग्रामीण आधारभूत संरचना, रोजगार सृजन और कृषि क्षेत्र पर जोर दिया गया है। विधानसभा में भोजनावकाश के बाद 114 करोड़ रुपये राजस्व अधिशेष वाला बजट पेश किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में मददगार होगा।

इस बजट में विभिन्न माध्यमों से सरकार की कुल आय 57,024.22 लाख रुपये अनुमानित की गई है जिसमें राजस्व प्राप्तियां 44,151.24 करोड़ रुपये अनुमानित हैं। कर से 20,195.43 करोड़ रुपये तथा करेत्तर राजस्व से 23,995.81 करोड़ रुपये अनुमानित है। बजट में राजस्व व्यय 44,036.31 करोड रुपये जबकि पूंजीगत व्यय 13,364.01 करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा गया है। राज्य सरकार के वेतन भत्तों के लिये 16,422.51 करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान किया गया है जबकि पेशन एवं अन्य सेवानिवृत्ति के लाभों पर व्यय 6,400.19 करोड़ का व्यय अनुमानित है। ब्याज के भुगतान पर 60,052.19 करोड़ जबकि ऋण के भुगतान पर 4241.57 करोड़ प्रस्तावित है। हालांकि, बजट में राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है लेकिन राजकोषीय घाटा 8984 करोड़ तथा 2931.90 करोड़ के प्रारंभिक घाटे का आकलन किया गया है।

बजट में सर्वाधिक 29.58 फीसदी व्यय वेतन भत्तों और मजदूरी पर प्रस्तावित है। इसके बाद अन्य व्ययों पर 15.79 तथा लघु निर्माण कार्यो पर 15.01 और पेंशन आदि पर 13. 03 प्रतिशत खर्च किया जाना प्रस्तावित है। बजट में केन्द्र सरकार की सहायता अनुदान का हिस्सा 35.83 प्रतिशत है। बजट में कृषि कार्य एवं अनुसंधान के लिए 1,108 करोड़, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के लिए 3,188 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट भाषण की शुरुआत मुख्यमंत्री रावत ने उत्तराखण्ड आंदोलन के शहीदों, देश की रक्षा के लिए सीमा पर बलिदान करने वाले सैनिकों और कोविड-19 की रोकथाम में काम करने वाले विभिन्न वर्गो को नमन करते हुए की। उन्होंने कोरोना के आर्थिक प्रभावों का जिक्र करते हुए कहा कि लॉकडाउन से प्रभावित 2.40 लाख व्यक्तियों को 2000 रु. प्रति व्यक्ति की दर से एकमुश्त आर्थिक सहायता दी गई। होटल, ढाबे और रेस्टोरेंट समेत व्यावसायिक उपभोक्ताओं को उस अवधि के लिए बिजली के बिलों में फिक्स्ड चार्ज में छूट दी गई।

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