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हल्द्वानी के मनीष पांडे उर्फ आश़िक ने देश के विख्यात 51 कवियों बीच बनाई जगह

हल्द्वानी: पहाड़ की भूमि हमेशा से ही कला, संस्कृति, साहित्य का गढ़ रही है। इसकी मिट्टी से कई बड़े, गुणी कलाकार निकले हैं, जिन्होंने पूरे विश्व में अपना नाम दर्ज कराया है। यह हक़ीक़त है कि पहाड़ी राज्यों में संसाधनों की उपलब्धता सीमित है लेकिन फिर भी यहां के कलाकारों का जज़्बा ऐसा है कि कोई ताक़त उन्हें पहचान बनाने से नहीं रोक पाती। एक ऐसे ही युवा कलाकार है मनीष पांडेय ” आशिक़ ” जिन्होंने अपनी मेहनत और ईमानदारी से साहित्य और सिनेमा जगत में अपना नाम बनाया है।

उत्तराखंड राज्य के शहर हल्द्वानी निवासी मनीष पिछले दो वर्षों से फ़ेसबुक पर निरंतर लेखन कर रहे हैं। उनके लेखन से प्रभावित होकर कई फ़िल्म, साहित्य जगत की मशहूर हस्तियों ने उनकी प्रशंसा की है। पत्रकारिता जगत की मशहूर हस्तियों ने मनीष पांडेय को विभिन्न पत्रिकाओं, वेबसाइट्स पर भी जगह दी है।

आज फ़ेसबुक पर शुरू किए लेखन से मनीष ” किताबों की दुनिया ” तक पहुंच गए। जुलाई के अंतिम महीने में मनीष पांडेय ” आशिक़ ” का पहला साझा कविता संग्रह ” कारवां ” देश के प्रतिष्ठित प्रकाशन समूह ” हिन्द युग्म प्रकाशन ” से छपकर पाठकों के बीच आ चुका है।

इस साझा कविता संग्रह में देशभर के कुल 51 प्रतिभावान कवियों की रचनाएं हैं। इनमें मनीष पांडेय ” आशिक़ ” की भी 4 कविताओं को स्थान मिला है। यह किताब कवि मुकेश कुमार सिन्हा के संपादन में छपी है। किताब का मूल्य 200 रुपए है।

मनीष पांडेय आशिक़ आज फ़िल्म पत्रकार और गीतकार के रूप में सक्रिय हैं। गायन, लेखन, पत्रकारिता के क्षेत्र में वह स्वतंत्र रूप से अभिनव प्रयोग कर रहे हैं। क्षेत्र के युवा वर्ग पर मनीष पांडेय ” आशिक़ ” का सकारात्मक प्रभाव है। नौजवान पीढ़ी प्रेरणा ले रही है इनसे।

मनीष पांडेय ” आशिक़ ” की किताब का प्रकाशित होना यह दर्शाता है कि अगर प्रतिभा हो तो पहचान ज़रूर बनती है।आप किताब को अमेज़न, फ्लिप्कार्ट आदि ऑनलाइन वेबसाइट्स से ख़रीद सकते हैं।

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