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उत्तराखंड की बसें उत्तर-प्रदेश जाएंगी,शासन से हरी झंड़ी का है इंतजार

हल्द्वानी: नशे में मिला उत्तराखंड रोडवेज का परिचालक, यात्रियों के टिकट भी नहीं काटे

हल्द्वानी: अनलॉक-4 के लागू होने के बाद लोगों के लिए सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। लंबे वक्त से यातायात सेवाओं को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है लेकिन उत्तराखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार जल्दबाजी में कोई फैसला लेने के हक में नहीं दिख रही है। जैसा की उत्तर-प्रदेश ने दूसरे राज्यों के लिए बसों का संचालन शुरू कर दिया है। इस लिस्ट में उत्तराखंड भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश ने उत्तराखंड से बसों के संचालन हेतु स्वीकृति मांगी है। अगर हरी झंड़ी मिलती है तो उत्तराखंड भी अपनी सेवा उत्तर प्रदेश के लिए शुरू कर सकता है। इसके लिए प्रस्ताव शासन के पास अनुमति के लिए भेजा है। अनुमति मिलने पर उत्तराखंड की 100 बसें भी दोबारा यूपी के अलग-अलग रूटों पर दौड़ती नजर आएंगी।

जीएम संचालन रोडवेज दीपक जैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश रोडवेज का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अनुमति मिलने पर हम अपनी सौ बसें भी यूपी भेजेंगे। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी रोडवेज पूरी तरह से गंभीर है। बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 22 मार्च को पूरे देश में जनता CURFEW लगा था। इसके बाद उत्तराखंड परिवहन निगम ने बसों का संचालन पूर्ण रूप से रोक दिया था। जून के आखिरी हफ्ते में बसों के संचालन केवल राज्य में शुरू हुआ। मगर दूसरे राज्य में जाने की अनुमति नहीं थी।

कुमाऊं व गढ़वाल मंडल की बसों का अपने-अपने जिलों में सेवा दे रही है। यूपी जाने वाले यात्रियों को स्थानीय बसें बार्डर क्षेत्र तक छोड़ रही थी। जहां बने अस्थायी स्टैंड से सवारी उप्र की बसों में ट्रांसफर होती हैं। कोरोना वायरस के चलते उत्तराखंड परिवहन निगम को करोड़ो का घाटा हो रहा है। बसों का संचालन नियमों का साथ हो रहा है, इससे यात्रियों की जेब पर भी फर्क पड़ रहा है और कम यात्रियों के होने से रोडवेज खर्चा भी नहीं निकाल पा रहा है। रोडवेज मुख्यालय के मुताबिक हाल में पड़ोसी राज्य ने अपनी सौ बसों को उत्तराखंड में एंट्री देने की परमिशन मांगी थी। जिसके बाद यहां की 100 बसों को भी रोजाना यूपी में एंट्री का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया। फिलहाल परमिशन मिलने का इंतजार है।

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