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पत्नी गर्भवती, पांच साल की बेटी का ऑपरेशन हुआ है, SI रावत ड्यूटी पर तैनात हैं

देहरादून: कोरोना वॉरियर्स नहीं होते तो शायद हम भी नहीं होते हैं। ये ख्याल तो बिल्कुल भी नहीं आता कि हम कोरोना वायरस को मात देने में कामयाब होंगे। आज वो धरती को अपने कर्म से एक नया वरदान देने में जुटे हुए हैं। अपने और अपने परिवार को साथ मिलकर वो यह अग्नि परीक्षा केवल जनता के लिए दे रहे हैं। आज एक ऐसे ही कोरोना वॉरियर्स की कहानी हम आपको बताएंगे। जिन्होंने अपने कर्म के लिए अपनी गर्भवती पत्नी और 5 साल की बच्ची को घर पर छोड़ दिया। उन्होंने एक बार फिर बताया कि उत्तराखंड की पुलिस केवल नाम से ही बल्कि अपने कर्म के लिए मित्र पुलिस कहलाती है।

एसआई आशीष रावत देहरादून की बाईपास चौकी पर तैनात हैं। लॉकडाउन के दिन भी वह ड्यूटी पर थे। उनका परिवार भी वहीं रहता है लेकिन वो कुछ ही देर के लिए घर गए। एसआई आशीष रावत दिन भर ड्यूटी पर रहते हैं। वह सैकड़ो लोगों से मिलते हैं और सुरक्षा को ध्यान पर रखते हुए उन्होंने घर नहीं जाने का फैसला लिया। उनकी पत्नी सोनम रावत 4 माह की गर्भवती हैं। पांच साल की बच्ची है मीमांशा जिनका मीमांसा का गले में सिस्ट के लिए एक ऑपरेशन हुआ था और 21 तारीख को ही वह घर लौटी थी। इस वक्त दोनों को आशीष की सबसे ज्यादा जरूरत है लेकिन वो राष्ट्र धर्म निभा रहे हैं।

आशीष कहते हैं अब वर्दी पहनी है तो उसके सारे फर्ज निभाने होंगे। ये ड्यूटी ही 24 घंटे की होती है। हर वक्त तैयार रहना पड़ता है। ये केवल मैं नहीं पूरा विभाग कर रहे हैं। और अभी यही वक्त, अगर हम यहां पर ढीले पड़ गए तो हालात हमारे पक्ष में नहीं होंगे।

आशीष की तरह तमाम कोरोना वॉरियर्स ((पुलिस, मेडिकल स्टाफ़, सफ़ाईकर्मी) अपना फर्ज निभा रहे हैं। हम सभी को घर में रहकर सहयोग करने की अपील की जा रही है और कई लोग वो भी करने में नाकाम रह रहे हैं। प्रदेश में अभी तक 1696 केस दर्ज कर ऐसे 6853 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। ये वह लोग हैं जो अपनी जान को खतरे में डालकर कोरोना वायरस को रोकने के लिए तैनात फ़्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स के परिश्रम को बर्बाद कर रहे हैं। हम आप सभी से अपील करनते हैं कि लगातार लोगों के टच में रहे तो घर पर रहकर कोरोना वायरस के खिलाफ जगं में सहयोग करने की अपील करें। जरूरी नहीं है कि आप बाहर निकले, घर पर रहकर भी आप कोरोना वॉरियर्स जैसा काम कर सकते हैं।

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