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Uttarakhand:करोड़ों लोग जिंदगी के लिए लड़ रहे हैं और ये मौत बेच रहे हैं!

देहरादून: दुनिया जिंदगी और मौत से लड़ रही है। कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है और कुछ लोग अभी पैसों के लिए तस्करी कर रहे हैं। तस्करी वो भी उस वस्तु की जिसने ना जाने कितने घर बर्बाद किए हैं। ना जाने कितनी अपराधिकघटनाओं का कारण बन रहा है। इन लोगों की जान को बचाने के लिए कोरोना वॉरियर्स लड़ रहे हैं लेकिन ये अपने काले मंसूबों को अंजाम तक पहुंचाना चाहते हैं। विकासनगर कोतवाली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली। इस मामले ने पूरे राज्य में हला मचाया हुआ है।

लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवा की आड़ में स्मैक तस्करी हो रही थी। पुलिस ने दो लोगों को पकड़ा है। दोनों के पास से 500 ग्राम स्मैक बरामद हुई है। दोनों सब्जियों के परिवहन की आड़ में बरेली से स्मैक तस्करी कर रहे थे। इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत दो करोड़ रुपये आंकी गई है। पुलिस द्वारा दोनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने की तैयारी चल रही है। तस्करी में शामिल दो अन्य आरोपियों फरार हैं।


रविवार को कोतवाली विकासनगर में एसपी देहात पदमेंद्र डोभाल पत्रकारों से बात की। उन्होंने बताया कि बीते 17 अप्रैल को पुलिस को सूचना मिली कि जरूरी वस्तुओं की आड़ में तस्करी का बड़ा खेल चल रहा है। पुलिस ने आवश्यक सेवा में लगे वाहनों की तलाशी शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस को एक ट्रक के बारे में भी पता चल गया। 18 अप्रैल की सुबह पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि उक्त ट्रक हरबर्टपुर स्थित मोदी ग्राउंड में खड़ा है। जिसमें दो संदिग्ध व्यक्ति बैठे हुए हैं। जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर मौजूद दोनों लोगों की तलाशी ली तो उनके पास से 500 ग्राम स्मैक बरामद हुई।एसपी देहात ने बताया कि पूछताछ में प्रकाश में आए व्यक्तियों के खिलाफ साक्ष्य संकलन और बरेली के तस्कर को भी विवेचना में शामिल किया जा रहा है। उक्त सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की जाएगी।

आरोपियों की पहचान अशफाक अहमद पुत्र शकूर अहमद निवासी ताल्हापुर थाना बिहारीगढ़ सहारनपुर और शेरद्दीन पुत्र नजीरुद्दीन निवासी माजरी थाना सहसपुर के रूप में हुई। शेरद्दीन पहले भी नशा तस्करी के मामले में तीन बार जेल जा चुका है।

पुलिस आरोपियों को बताया कि लॉकडाउन के चलते नशा तस्करी का धंधा पूरी तरह से बंद है। ऐसे में उन्होंने स्मैक की खरीद के लिए खुशहालपुर निवासी अब्बास से संपर्क साधा। उसने उन्हें मेहूंवाला निवासी इमरान से मिलवाया। इमरान ने ही उन्हें ट्रक के आगे आवश्यक सेवा का बोर्ड लगा बरेली से सब्जी लाने की आड़ में तस्करी का धंधा करने को कहा।लॉकडाउन के चलते स्मैक के सौदे में उन्हें अधिक मुनाफा हो रहा था। एसपी देहात ने बताया कि मामले में अब्बास और इमरान की तलाश जारी है।


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