Uttarakhand News

उत्तराखण्ड में शराब हुई सस्ती, यूपी से भी कम हुए दम, पीछे है ये कारण

देहरादून: राज्य में आने वाले दिनों में शराब सस्ती होने वाली है। एक अप्रैल से शराब सस्ती करने पर मंत्रिमंडल की ओर से मोहर लग गई है। देहरादून में मंत्रीमंडल की बैठक हुई थी। इस फैसले के पीछे चालू वित्तीय वर्ष में आबकारी राजस्व में आई गिरावट है। सौ से ज्यादा शराब की दुकानों का आवंटन नहीं होने से सरकार को अपनी आबकारी नीति में बदलाव करना पड़ा। नई नीति के तहत शराब की दुकानों के आवंटन प्रक्रिया को आसान कर दिया गया है। दुकानों के आवंटन का पहला विकल्प मौजूदा लाइसेंसधारकों को दिया गया है। उनके लाइसेंस नवीनीकृत किए जाएंगे। शेष दुकानों का आवंटन अब नीलामी के बजाए लॉटरी से होगा।

ताजा जानकारी के अनुसार राज्य में शराब की कीमतें करीब 20 फीसदी कम की गई हैं। यह दाम उत्तरप्रदेश से 10 प्रतिशत कम हैं। बार का लाइसेंस अब जिलाधिकारी जारी करेंगे। लाइसेंस की अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष की गई है। नई नीति से सरकार को राजस्व बढ़ने की उम्मीद है।

इसके चलते वर्ष 2020-21 के लिए आबकारी से राजस्व का लक्ष्य बढ़ाकर 3600 करोड़ किया गया है। वहीं चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में आबकारी से आमदनी का लक्ष्य 3180 करोड़ रखा गया था, लेकिन माना जा रहा है कि इस वर्ष के अंत तक राजस्व वसूली करीब 2800 करोड़ तक सीमित रखने के आसार हैं। मंत्रिमंडल ने अन्य महत्वपूर्ण फैसले में प्रदेश में रक्षा क्षेत्र में पूंजी निवेश का रास्ता खोल दिया। इसके लिए उत्तराखंड एयरोस्पेस और रक्षा औद्योगिक नीति को हरी झंडी दिखाई दी। 

देशी व विदेशी शराब का लाइसेंस शुल्क एक फीसद रखा गया है। आवेदक की हैसियत में 10 फीसद कमी की गई है। उसे पहले दुकान के कुल राजस्व का 20 फीसद बतौर हैसियत जमा करना पड़ता था। अब शराब की एक दुकान को एक के साथ ही दो कारोबारी मिलकर भी चला सकेंगे।

दुकानों के आवंटन कुछ इस प्रकार होगा। पहला आवंटन नवीनीकरण के जरिए होगा। इसमें लाइसेंसी को 15 फीसद नवीनीकरण शुल्क और पांच फीसद अतिरिक्त नवीनीकरण शुल्क देना होगा। नवीनीकरण नहीं होने वाली दुकानों और बंद पड़ी 131 शराब की दुकानों का आवंटन लॉटरी के जरिए होगा। इसके अतिरिक्त बड़ी दुकानें और लॉटरी से आवंटित नहीं होने की स्थिति में उन्हें तोड़कर दो भागों में विभाजित किया जा सकेगा। यानी एक के बजाए दो दुकानें संचालित होंगी, लेकिन शर्त ये है कि दोनों दुकानें आसपास होनी चाहिए। इन दोनों ही दुकानों को एक मूल इकाई के तौर पर ही माना जाएगा। इस वजह से दुकानों की कुल संख्या में इजाफा नहीं माना जाएगा।

त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल की सचिवालय में शनिवार को बैठक में कुल 13 बिंदुओं पर मंथन के बाद 12 पर फैसले लिए गए। एक बिंदु पेयजल निगम और जल संस्थान के एकीकरण पर विचार कर खाका तैयार करने को काबीना मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की गई है। विधानसभा सत्र आहूत होने की वजह से मंत्रिमंडल के फैसलों की ब्रीफिंग नहीं हुई। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल ने संशोधित आबकारी नीति को मंजूरी दी। 

To Top
Ad