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इस बार अलग होगी चारधाम यात्रा, श्रद्धालुओं को मिलेगा ठंड से बचने के लिए कवच और इलाज

केदारनाथ यात्रा 9 मई से शुरू हो रही है। प्रशासन श्रद्धालुओं को पूर्ण सुविधा देने पर जोर दे रहा है। इसे देखते कुछ जरूरी कदम उठाए गए हैं।श्रद्धालुओं के लिए ठंड से बचाव को गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर स्वास्थ्य विभाग की एमआरपी (मेडिकल रिलीफ प्वाइंट) के साथ एक-एक वॉर्म रूम बनाए जाएंगे।

17 किमी पैदल मार्ग पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा 9 स्थायी एमआरपी बनाई जा रही हैं। केदारनाथ में भी दो वॉर्म रूम स्थापित होंगे। यानी कुल 11 वार्म रूम होंगे। इस सुविधा के होने से  हाइपोथर्मिया (तेजी से शरीर का तापमान घटता है, बेचैनी और सांस लेने में दिक्कत) से पीड़ित मरीज के उपचार में भी मदद मिलेगी।

9 स्थायी एमआरपी में 2 से 6 मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था की गई है। पैदल मार्ग पर श्रद्धालुओं की किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या का यहां पर इलाज किया जाएगा। यह पहला मौका है, जब केदारनाथ यात्रा में स्वास्थ्य विभाग का स्थायी ढांचे पर एमआरपी का संचालन करेगा।  यात्रा के पहले दो माह में एक-एक विशेषज्ञ डॉक्टर, फार्मसिस्ट और अन्य स्वास्थ्य कार्मिक तैनात रहेंगे।

इस यात्रा में प्रत्येक एमआरपी पर प्रशासन द्वारा अलग से एक-एक वार्म रूम (हीटर रूम) स्थापित किए जाएंगे। जहां 6 से 8 उच्च क्षमता वाले हीटर लगाए जाएंगे। इससे जरूरतमंद यात्री ठंड से बच पाएंगे। यह वार्म रूम केदारनाथ में रुद्रा प्वाइंट व बायोमीट्रिक्स पंजीकरण कैंप के पास बनाएं जाएंगे। इसमें 8 से 10 हीटर लगेंगे। ठंड के दौरान श्रद्धालुओं को कुछ देर के लिए इन वॉर्म रूम में बिठाया जाएगा। इस सुविधा से पड़ावों व धाम में हाइपोथर्मिया के पीड़ित के इलाज में मदद मिलेगी।

लोगों को ठंड से बचाने के अलावा प्रशासन मंदिर पहुंचने वाले रास्तों पर भी काम कर रहा है। इसे लेकर प्रशासन ने नगर पंचायत केदारनाथ व ऊखीमठ तहसील के स्थानों को चिहिृृत कर लिया गया है। इस स्थानों पर 5 मई तक दो से पांच कुंतल लकड़ी भेजने के निर्देश दिए हैं। यात्राकाल में मांग के अनुरूप लकड़ी उपलब्ध कराई जाएगी।

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