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चारधाम यात्रा केवल चमोली,उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग के लोग कर सकेंगे,यें नियम लागू

चारधाम यात्रा केवल चमोली,उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग के लोग कर सकेंगे,यें नियम लागू

देहरादूनः चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। कोरोना के बढ़ते खतरे और लॉकडाउन के वजह से चारधाम यात्रा को बंद कर दिया गया था। लेकिन अब चारधाम यात्रा को खोल दिया गया है। लेकिन चारधाम यात्रा कुछ जिलों के लोगों के लिए ही खोली गई है। साथ ही बाहरी राज्य के लोग अभी चारधाम यात्रा नही कर सकेंगे।

उत्तराखंड के तीन जिलों के स्थानीय लोगों को धामों में दर्शन की इजाजत दे दी गई है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी कर दिए। इसके मुताबिक चमोली जिले के स्थानीय लोग बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग के केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले के लोग गंगोत्री व यमुनोत्री में दर्शनार्थ जा सकेंगे। इसके लिए इन जिलों के स्थानीय लोगों को अपने-अपने जिला व स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।

बता दें कि बोर्ड ने धामों के लिए दर्शनार्थियों की संख्या का निर्धारण भी कर दिया है। चारधाम में जिन संस्थाओं, व्यक्तियों के होटल, गेस्ट हाउस समेत अन्य परिसंपत्तियां हैं, उन्हें भी रखरखाव एवं मरम्मत के लिए वहां जाने की अनुमति दी जाएगी। ये व्यवस्थाएं 30 जून तक के लिए की गई हैं। बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के मुताबिक परिस्थितियों को देखते हुए 30 जून से पहले रिव्यू किया जाएगा और फिर चारधाम यात्रा के संबंध में फैसला लिया जाएगा।

ये हैं दिशा-निर्देशः

1- आपकों बता दें कि बद्रीनाथ धाम में दर्शन का समय सुबह 7 बजे से सायं 7 बजे तक होगा।

2- धाम में आने वाले श्रद्धालुओं और तीर्थ यात्रियों को खुद से किए गए स्थगन स्थानों में ही स्थगन करना होगा।

3- तीर्थयात्रियों को दर्शन करने हेतु निःशुल्क टोकने लेने होंगे,इन टोकनों को देवस्थानम बोर्ड द्वारा निःशुल्क कराया जाएगा।

4- निःशुल्क दर्शन टोकन प्राप्ति हेतु टैक्सी स्टैण्ड एवं नीलकण्ठ विश्राम ग्रह के भूतल पर स्थापित काउण्टर से प्राप्त करना होगा।दर्शन टोकन तीर्थयात्रियों को दर्शन से पहले ही प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

5- निःशुल्क दर्शन टोकन काउण्टर में शारिरिक दूरी बनाय़ें रखना और मास्क लगाना अनिवार्य होगा।

6- दर्शन टोकन में दर्शन हेतू निश्चित समय एंव तिथि अंकित होगी। यानि दर्शन टोकन में 10 बजे का समय अंकित किया गया है तो यात्री 10.59 मिनट तक भी दर्शन पंक्ति में पक्तिबद्ध हो सकता है।

7- तीर्थयात्रियों को दर्शन टोकन में अंकित समय पर दर्शन लाईन में दर्शन हेतु मंदिर परिसर में निर्धारित लाईन में पंक्तिबद्ध होना पड़ेगा।

8- बद्रीनाथ में 1 घंटे में 120 दर्शनार्थी ही दर्शन कर सकेंगे। वहीं गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालु प्रतिदिन जाएंगे।और केदारनाथ में 800 श्रद्धालु जा सकेंगे।

9- मंदिर के अंदर दर्शन करने का समय 30 सेंकड अनुमन्य होगा। वहीं केदारनाथ में 1 मिनट का समय अनिमन्य होगा।

10- दर्शन पंक्ति 240 मीटर की होगी,जो सिंह द्वार से ब्रहमकपाल तिराहे पैदल मार्ग तक 2-2 मीटर की दूरी पर बनायें गए चिन्हित गोले पर यात्रियों को एकल पंक्तिबद्ध खड़ा होना होगा। केदारनाथ में 120 मीटर की होगी दर्शन पंक्ति।

11- विशेष पूजायें सम्पादित करने वाले यात्रियों को सामाजिक दूरी के साथ सभा मण्डप में बैठने की अनुमति नहीं होगी। उन्हें दर्शन निर्धारित स्थान से अनुमन्य होगा।

12- बदरीनाथ धाम ने 1200 श्रद्धालुओं को निःशुल्क टोकन आंवटिक किए जाएगें।

13- टोकन 1 व्यक्ति को एक समय में 3 से अधिक टोकन आंवटिट नहीं किए जाएंगे।

14- टोकन की जांच सिंह द्वार में की जाएगी।

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