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पिथौरागढ़ में छात्रों का ये आंदोलन हमारी तरफ़ बहुत उम्मीदों से देख रहा है…

हेमराज सिंह चौहान:उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है. वो अपनी हक की लड़ाई के लिए 17 जून से आंदोलन पर हैं. उनके हौसले बुलंद हैं और वो लंबी लड़ाई को तैयार दिखते हैं. लेकिन बड़ा सवाल ये हैं कि उन्हें अपनी मांगो के लिए सड़क पर क्यों उतरना पड़ा. जिन लोगों को नहीं पता मैं समझाना चाहता हूं. कुमाऊं विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले पिथौरागढ़ महाविद्यालय में 7000 छात्र पढ़ते हैं.. इनमें से अधिकतर ग्रामीण और आर्थिक पृष्ठभूमि से पिछड़े हुए हैं. जो एक उम्मीद के सहारे कॉलेज आते हैं कि यहां से पढ़कर उनका और उनके परिवार का भविष्य सुधर जाएगा. लेकिन यहां आकर जब वो देखते हैं कि उनका ये सपना टूट जाएगा. तब वो हुक्मरानों और विश्वविद्यालय के प्रशासन को जगाने के लिए आंदोलन करने का निर्णय लेते हैं. उन्हें उम्मीद है कि शायद उनकी सुनी जाए और कॉलेज की सूरत बदल जाए. उनकी मांगे वो हैं जो उनका मूलभूत हक है..

कॉलेज में पढ़ाने के लिए शिक्षक और किताबें. इसके अलावा उनकी परेशानियों को सुनने के लिए कॉलेज में एक विभाग ताकि उन्हें करीब 185 किलोमीटर दूर नैनीताल के चक्कर ना लगाने पड़े.. उनका कहना है कि यहां जो किताबें हैं वो भी आउटडेटेड है. उन किताबों को पढ़कर वो आगे अपना रास्ता तय कैसे करेंगे.. इसके अलावा उनकी मांग है कि उन्हें पढाने के लिए शिक्षक मिलें.वो चाहते हैं कि उनके वहां प्रैक्टिकल के लि़ए प्रयोगशाला हों. ये ऐसी मांगे हैं जिनके लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार हैं.

वो हजारों छात्र छात्राओं के साथ खेल रहा है.. यहां से पास होने के बाद वो कैसे कोई प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करेंगे. उनके साथ तो शिक्षा के नाम पर धोखा हो रहा है. अगर आपको याद है कि मैंने सोमेश्वर एक लड़के की कहानी सुनाई थी तो ग्रेजुएट होने के बाद भी नोएडा के बार में काम करने को मज़बूर है. उसने भी ऐसे ही महाविद्यालय से पढा था. जो इसकी अपेक्षा काफी छोटा था. तो आप समझ सकते हैं कि उसके साथ भी ग्रेजुएशन के नाम पर धोखा हुआ.

छात्र – छात्राओं के इस आंदोलन की तारीफ़ इसलिए भी होनी चाहिए क्योंकि अभी तक ये पूरी तरह अहिंसक रहा है और इसी वजह से से इसे उनके अभिभावकों और स्थानीय लोगों का भारी समर्थन मिल रहा है. हमें इनकी लड़ाई में अपना सहयोग करना चाहिए जैसे वो संभव है..

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