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चमोली के डीएम से पूछा था, क्या मैं बन सकती हूं डीएम, प्रियंका ने निकाला UPSC

प्रियंका ना निकाला UPSC, चमोली के डीएम से पूछा था, क्या मैं बन सकी हूं डीएम

हल्द्वानी: बीते मंगलवार को आए UPSC की सिविल सर्विस परीक्षा 2019 के परिणाम में उत्तराखंड के कई युवाओं ने सफलता प्राप्त की। उन्हीं की सफलता की कहानी को हल्द्वानी लाइव अपने पाठकों तक पहुंचा रहा है ताकि उनकी कहानी इस क्षेत्र में भविष्य बनाने की सोच रहे युवाओं को प्रेरित करें। उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के रामपुर गांव निवासी प्रियंका दीवान ने UPSC परीक्षाओं में 257 रैंक हासिल कर पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। प्रियंका एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। उनके पिता दीवान राम गांव में ही खेतीबाड़ी करते हैं।

उनकी कहानी ने राज्य के करोड़ों लोगों को प्रेरित किया है। प्रियंका ने कोचिंग तैयारी के लिए कोचिंग का सहारा नहीं लिया बल्कि ट्यूशन ओपन कर तैयारी की और बच्चों को पढ़ा कर तैयारी में जुट गई। यूपीएससी परीक्षा निकालने के लिए प्रियंका को उनके जिले के डीएम ने ही प्रेरित किया था।

इस बारे में प्रियंका ने बताया कि जब वह गोपेश्वर कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी तो वर्ष 2012-13 में तत्कालीन समय में चमोली जिले के डीएम एसए मुरुगेशन उनके कॉलेज के दौरे पर आए थे। जिनके स्वागत के लिए उनके कॉलेज को भव्य रुप से सजाया गया था। साथ ही उनके स्वागत में कॉलेज का पूरा स्टाफ खड़ा था। जिससे वह काफी ज्यादा प्रभावित हुई। उन्होंने पता किया कि वह कौन थे, जो उनके कॉलेज में आये थे। डीएम मुरुगेशन से उनकी मुलाकात भी हुई। उन्होंने डीएम से पूछा कि क्या वह भी डीएम बन सकती हैं। इसके बाद मुरुगेशन ने उन्हें सेवा की जानकारी देने के साथ काफी प्रेरित किया। 

तैयारी के बारे में प्रियंका का कहना है कि सिविल सर्विसेज परीक्षा के लिए रणनीति नहीं, बल्कि समर्पण जरुरी है। उन्होंने कभी भी निरंतर पढ़ाई नहीं की। जब भी मन किया तब पढ़ाई की। लॉ के साथ यूपीएससी की तैयारी के चलते उन्हें काफी कम समय मिलता था। दिन में कॉलेज की पढ़ाई, रात और सुबह में यूपीएससी की तैयारी की। पढ़ाई को ज्यादा समय देना नहीं, फोकस होकर क्वालिटी स्टडी करना कामयाबी के द्वार खोलती है। 

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