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15 साल बाद उत्तराखंड की जनता को राहत, कम हुए बिजली के दाम

हल्द्वानी: लॉकडाउन के वजह से देश के सभी व्यापारों में घाटा हो रहा है। आर्थिक चपेट की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन भारत सरकार ने लोगों की जिंदगी को प्राथमिकता दी है। बीच-बीच में लोगों को राहत हेतु कदम उठाए जा रहे हैं। कुछ दिन पूर्व उत्तराखंड राज्य सरकार ने बिजली बिल भरने को लेकर राज्यवासियों को राहत दी थी। इसी क्रम में अब राज्यवासियों को 15 साल बाद राहत मिल रही है।

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने  विद्युत टैरिफ की दरें घटाई हैं। राज्य में विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या 24 लाख के करीब है। सौ यूनिट से कम बिजली खर्च करने वालों का प्रतिशत 43 है। ऊर्जा प्रदेश के नाम से उत्तराखंड विख्यात है लेकिन लोगों को इसके बाद भी सस्ती बिजली नहीं मिलती है। जनता द्वारा इस मामले को बार-बार उठाया जाता है। बीते छह मार्च को जब विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल की ओर से पेश प्रस्तावित दरों पर सुनवाई की तो आम उपभोक्ताओं और किसानों की ओर से यही तर्क दिया गया था। लोगों द्वारा कहा गया था कि उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड अपने खर्चों में कटौती कर उपभोक्ताओं को राहत दे। नियामक आयोग के अध्यक्ष डीपी गैरोला, सदस्य तकनीकी एमके जैन ने सुनवाई के बाद यूपीसीएल के खर्चो पर बारीकी से गौर करने के बाद शनिवार को नई टैरिफ दरों की घोषणा कर दी। 

अब उपभोक्ता इस दर में मिलेगी बिजली-
श्रेणी – वर्तमान दर – नई दर – कमी पैसे में –  कमी प्रतिशत में
घरेलू ग्राहकों के लिए नई दर 4.62 से 4.44 हो गई है।
अघरेलू – 6.73 – 6.38 – 35 – 5.20
गर्वेमेंट पब्लिक यूटिलिटी – 6.21 – 5.83 – 38 – 6.12
निजी नलकूप – 2.13 – 2.04 – 9 – 4.23
छोटे उद्योग (एलटी) – 6.26 6.03 23 3.67
बड़े उद्योग (एचटी) – 6.29 6.06 23 3.66
रेंजीडेंशियल इंस्टीटयूशन्स – (मिक्स लोड) 5.84 5.64 20 3.42
रेलवे – 6.30 5.93 37 5.87
विद्युत दरों में औसत कटौती – 4.00
नोट: बिजली की दरें रुपये प्रति यूनिट में।

गरीबी रेखा से नीचे जीवन  (बीपीएल), स्नो बाउंड इलाकों के बिजली उपभोक्ताओं की प्रति यूनिट दर को अब 1.83 रुपये प्रति यूनिट से कम कर 1.61 रुपये प्रति यूनिट की दर कर दिया गया है। 

 

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