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अभी-अभी: उत्तराखंड चीन नेपाल सीमा पर भारत ने 10 गुना तक बढ़ाई फोर्स

इस रविवार को ही भारतीय और चीनी सेना के कमांडरों के बीच पांचवें दौर की वार्ता हुई थी। लेकिन अभी-अभी खबर मिली है कि लिपुलेख के पास चीनी सेना की गतिविधि बढ़ गई है। इस वजह से मुन्स्यारी के निकट उत्तराखंड चीन नेपाल सीमा पर भारी मात्रा में फौज तैनात की गई है। लिपुलेख भारत और तिब्बत (चीन) के बीच में एक हिमालयी दर्रा है। इसके दक्षिण की ओर नेपाल भी पड़ता है।

बताया जा रहा है कि भारत की तरफ से फोर्स बढ़ाने का कारण, चीन की बढ़ती मूवमेंट के अलावा, नेपाल में तेज होती भारत विरोधी राजनीति भी है। एसएसबी के जवान लगातार भारत नेपाल के बीच खुली सीमा की निगरानी भी कर रहे हैं। जौलजीबी, झुलाघाट, कालेश्वर, आदि क्षेत्रों में रात को भी सर्च लाइट से पहरा दिया जा रहा है। यह सभी क्षेत्र काली नदी से लगे हैं और भारत नेपाल के बीच ये सीमा बिना किसी तार बाड़ की पूरी तरह से खुली है। नीचे दिए गए चित्र के माध्यम से आप लिपुलेख और उत्तराखंड चीन नेपाल सीमा को और ठीक से समझ सकते हैं

lipulekh kalapani dispute

पलायन का खतरा बढ़ने पर चिंता

उत्तराखंड के गांव में बहुत सालों से पलायन तेजी से बढ़ रहा है। पलायन आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2011 के बाद उत्तराखंड की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे 14 गांव पूरी तरह खाली हो चुके हैं। 1962 मैं भारत चीन युद्ध के कारण उत्तराखंड और तिब्बत के बीच व्यापार ठप हो गया था। लोगों को आशंका है कि एक बार फिर से भारत-चीन के बीच बढ़ती तनातनी का असर सीमा के गांव में पड़ सकता है। जिस तादाद में दोनों देश अपने फोर्सेस को लगातार बढ़ा रहे हैं उस हिसाब से माहौल असामान्य ही लगता है। कमांडर लेवल की पांच वार्ताएं अब तक हो चुकी है। परंतु इस विवाद का कोई हाल फिलहाल नजर नहीं आ रहा है|

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