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मिलिए आईएफएस अधिकारी शैलेंद्र से, जिन्होंने दी कोरोना वायरस को मात

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वायरस से संक्रमित पीडितों की संख्या 26 हो गई है। यह एक चिंता का विषय है। राज्य में अचानक ने मामलों की बढ़ोतरी ने हेल्थ विभाग की सांसे फूला दी है। इन सभी के लगातार प्रेरित करने वाली घटनाएं भी सामने आ रही है। इस मुश्किल वक्त में सभी एक दूसरे को सहयोग कर इंसानियत का परिचय दे रहे हैं। इस पोस्ट में आपकों एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने कोरोना वायरस को मात दी।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के ट्रेनी आईएफएस शैलेन्द्र सिंह राज्य के पहले कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज थे। 12 मार्च को अकादमी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनका सैंपल लिया था। सैंपल पॉजिटिव आने पर 15 मार्च को उन्हें राजकीय दून मेडिकल अस्पताल में भर्ती किया गया था।  उनके कुल सात सैंपल लिए गए। कोरोना को कैसै मात दें इस बारे में खुद शैलेंद्र ने एक निजी मीडिया हाउस को बताया।

उनका कहना था कि पहले तीन टेस्ट पॉजिटिव आए थे। चौथा सैंपल नेगेटिव आने पर उन्हें लगा कि वो इस वायरस को हरा सकते हैं। उनका डॉक्टर्स ने अच्छा से ख्याल रखा और सही उपचार मिला। पांचवां सैंपल पॉजिटिव आने पर निराशा जरूर हाथ लगी लेकिन वह अपनी और डॉक्टर्स के परिश्रम को बेकार नहीं देना चाहते थे।

शैलेंद्र ने बताया कि आपकी IMMUNITY ही कोरोना को मात देगी। तबीयत खराब होने की स्थिति पर खुद को ISOLATE कर लिजिए और IMMUNITY को मजबूत करें। ऐसे में डॉक्टरों से परामर्श लेकर उनकी सलाह मानें।  यह उन्होंने भी किया और छठा टेस्ट नेगेटिवि आने के बाद उन्हें हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई है। शैलेंद्र मूल रूप से आगरा उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।

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