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पहाड़ की ये शादी हो गई वायरल,एक ही परिवार में बारात लेकर पहुंची तीन दुल्हनें

देहरादून: पहाड़ों की शादी में शहरी लोग हिस्सा बनने के लिए काफी उत्साहित रहते हैं। उत्तराखण्ड की संस्कृति हमेशा ही लोगों को अपनी ओर खींचती है। एक बार फिर उत्तराखण्ड राज्य की एक शादी पूरे देश में वायरल हो गई है। मामला देहरादून जिले का है। जहां एक ही घर में तीन दुल्हनें बारात लेकर पहुंची। चौकिए मत जी है, जैसे ही बारात वर के घर पहुंची तो वहां जश्न शुरू हो गया। वहीं बारात को देखने के लिए आसपास के लोगों की भीड़ इक्कठा हो गई।
खबर के अनुसार  देहरादून जिले के तहत कालसी के अन्तर्गत कनबुआ गांव निवासी जालम सिंह पंवार के यहां एक साथ तीन बहुओं की बारात पहुंची। देहरादून जिले के जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर में परंपरा है कि दुल्हन के बारात लेकर दूल्हे के घर पहुंचती है।
रविवार को भी ऐसा ही हुआ। कनबुआ गांव के एक परिवार में  तीन दुल्हनें बारात लेकर पहुंचीं। जालम सिंह के तीन पुत्र देवेद्र (धीरज), प्रदीप व संदीप का विवाह एक ही दिन किया गया। दुल्हनें किस्तूड़ गांव की रहने वाली थी। अमिता, क्वासा गांव से प्रिया और भाकरौऊ गांव से रक्षा बारात लेकर गांव पहुंची। वर पक्ष के लोगों ने बारातियों का जोरदार स्वागत किया और पारंपरिक लोक गीतों पर जमकर नाच गाना हुआ।

जौनसार बावर मसूरी के १५ किलोमीटर दूर चकराता तहसील में देहरादून जिले का एक गाँव है। यह स्थान जौनसारी जनजाति का मूल स्थान है जिनकी जड़े महाभारत के पाण्डवों से निकली हुई हैं। देहरादून का यह जनजातीय क्षेत्र शहर के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। कालसी, चकराता व त्यूनी तहसीलें इसी क्षेत्र के अन्तर्गत हैं। सामान्यतः यह क्षेत्र यमुना और टौंस नदियों के मध्य में स्थित है। इस क्षेत्र के प्रमुख स्थल हैं- कालसी, लाखमण्डल, बैराटगढ़ और हनोल।

जौनसार जनजाति के लोग अपने को पाण्डवों का वंशज मानते हैं जबकि बावर लोग अपने को दुर्योधन का वंशज। ये दोनों समुदाय शताब्दियों से विश्व समुदाय से कटे हुए हैं जिसके कारण इनकी अद्वितीय संस्कृति और परम्पराएँ बची हुई हैं। दोनों समुदायों के बीच विवाह सम्बन्ध भी यदा-कदा ही होते हैं। जौनसारी समुदाय में बहुपतित्व की परम्परा है।

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